Home > Archived > नर्मदा तटों पर जैविक खेती की तैयारी

नर्मदा तटों पर जैविक खेती की तैयारी

जबलपुर, 16 अक्टूबर। जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मृत पड़े कृषि विभाग के प्लान को जिले में संजीवनी मिली है। विगत चार सालों से राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में जगाई जा रही अलख के बाद अब जिले में नर्मदा तटों के खेती वाले रकबे पर इसका फोकस हुआ है। जिसके चलते जिले के कृषि विभाग ने 33 ग्रामों में, खासतौर पर पंचायत स्तर पर इसका प्रशिक्षण आयोजित कर प्लान का क्रियान्वयन करना प्रारंभ कर दिया है। इसमें शहपुरा तहसील के 15 एवं जबलपुर जनपद के 18 गांव शामिल हैं।

यहां नर्मदा तट की खेतिहर भूमि होने के कारण विभाग को क्रियान्वयन में आसानी हो रही है। इसके लिए कुल रकबे पर 100 बर्मी यूनिट (केंचुए वाली खाद) तथा 25 बायोगैस प्लांट बनाए जा रहे हैं। विभाग के मुताबिक रबी की फसलों में इस साल चना और गेहूं पर भी इसका प्रयोग किया जा रहा है। इसमें करीब तीन हजार हैक्टेयर वाली रबी की फसलें शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत में जैविक खेती का कॉन्सेप्ट सदियों पुराना है लेकिन 1980 में यूरिया, फर्टिलाइजर्स की क्रांति के चलते जैविक खेती लगभग समाप्त प्राय: पड़ी हुई है। जिसे पुनर्जीवन देने राज्य सरकार द्वारा 2012 में जैविक खेती का प्लान लागू किया। इसके तहत जिले में किसानों को जागरुक कर उन्हें जैविक खेती का लाभ समझाया जा रहा है। इसमें मिट्टी के स्वास्थ्य से लेकर, उत्पादन की क्वालिटी और बाजार में अच्छे दाम मिलने तथा उत्पादकता कैसे बढ़ाएं जैसे बिंदु शामिल हैं, लेकिन इस प्लान के क्रियान्वयन में बरती जा रही हीलाहवाली के चक्कर में यह प्रोग्राम परवान नहीं चढ़ पा रहा है। नतीजा यह है कि जैविक खेती के लिए रकबे का चयन तक कृषि और राजस्व विभाग समय पर नहीं कर पाता।

Updated : 16 Oct 2016 12:00 AM GMT
Next Story
Top