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सभी विद्या का निचोड़ है रामायण: मोरारी बापू

सभी विद्या का निचोड़ है रामायण: मोरारी बापू
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लखनऊ, 26 नवम्बर। प्रसिद्ध कथा वाचक मोरारी बापू ने शनिवार को सेवा अस्पताल परिसर में आयोजित रामकथा में कहा कि रामायण सभी ग्रंथों और विधा का निचोड़ है। इसको यदि किसी भी व्यक्ति ने अपने जीवन में उतार लिया तो निश्चय ही वह जीवन के उच्च शिखर पर पहुंच जाएगा। जीवन की सभी कठिनाइयों के उत्तर रामायण में मौजूद हैं। प्रेमयज्ञ कथा समिति की ओर से सीतापुर रोड स्थित सेवा अस्पताल परिसर के विशाल पांडाल में इस कथा का आयोजन किया गया है।

मोरारी बापू ने कहा कि सत्संग से विवेक मिलता है। विवेक से अच्छा बर्तन और बर्तन से एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है। इसके लिए सत्संग बहुत जरुरी है। जब ऐसा हो जाएगा तो राम चरित मानस (रामायण) घर में नहीं रहेगी। बल्कि घट-घट (मन) में रहेगी। कथा वाचक मोरारी बापू ने यहां पर शनिवार को राम चरित मानस के अरण्य काण्ड के प्रसंगों को विस्तार से बताया। उन्होंने रामायण के सभी सोपान की जानकारी श्रोताओं को दी। रामचरित मानस ग्रंथ का परिचय बताया और उसे जीवन में धारण करने को कहा। रामकथा धर्मशाला नहीं प्रयोगशाला मोरारी बापू ने कहा कि रामकथा धर्मशाला नहीं है। बल्कि प्रयोगशाला है।

कथा साधना नहीं लक्ष्य है। रामकथा सुनने मात्र से लोगों के कष्ट दूर हो जाते हैं। उसे जिसने जीवन में धारण कर लिया, वह सामान्य मनुष्य नहीं रहेगा। मोरारी बापू राम चरित मानस के अरण्य काण्ड प्रसंगों पर अपनी कथा चार दिसंबर तक सुनाएंगे। शिव-पार्वती संवाद मोरारी बापू ने सैकड़ों देश-विदेश से आए श्रोताओं को शिव-पार्वती संवाद सुनाया। उन्होंने चौपाई गावत संसत शंभु भवानी के जरिए भगवान शिव-पार्वती के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने रुद्रवीणा के बारे में बताया। नारद जी हमेशा साथ लिए रहते थे। यज्ञोपवीत जनेऊ के बाद इसे धारण किया जाता है। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास चल रहा है कि भगवान हनुमान जी के हाथों में गदा के बजाए रुद्र वीणा पकड़वाई जाए।

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Updated : 27 Nov 2016 12:00 AM GMT
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