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श्रीराम कथा के अंतिम दिन उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

सादाबाद। हाथरस रोड स्थित रामवती भवन प्रांगण मे चल रहे श्री राम कथा महोत्सव के अंतिम दिन मंगलवार को कथा का शुभारम्भ जगद्गुरू शंकराचार्य देवतीर्थ अधोक्षानन्द जी महाराज, एसके ग्रुप ऑफ कॉलेज के पंबधक एसके शर्मा, राजस्थान केसरी पहलवान चौ. हरकेश, पूर्वमंत्री रामवीर उपाध्याय, जिपं अध्यक्ष विनोद उपाध्याय, ब्लॉक प्रमुख रामेश्वर उपाध्याय ने दीप प्रज्वलित कर एवं पूज्य विजय कौशल जी महाराज को पुष्प अर्पित कर किया।

कथा के अंतिम दिन कलश यात्रा मे भा शामिल होने वाली महिलाओं एवं यज्ञ मे शामिल यज्ञाचार्यो का पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय ने वस्त्र भेंट कर सम्मान किया। राजतिलक होते ही राजा रामचन्द्र की जय के जयकारों से गूंज उठा पण्डाल। कथा का समापन पूर्णाहुति के साथ हुआ जिसमें चिरागवीर उपाध्याय, सरोज उपाध्याय, कल्पना उपाध्याय आदि ने भाग लिया।

कथा के अन्तिम दिन विजय कौशल जी महाराज ने लंका काण्ड का मार्मिक वर्णन करने हुए कहा कि शान्ति के सारे प्रयास असफल हो जाने पर युद्ध आरम्भ हो गया। लक्ष्मण और मेघनाद के मध्य घोर युद्ध हुआ। शक्तिबाण के वार से लक्ष्मण मूच्र्छित हो गये। उनके उपचार के लिये हनुमान सुषेण वैद्य को ले आये और संजीवनी लाने के लिये चले गये। गुप्तचर से समाचार मिलने पर रावण ने हनुमान के कार्य में बाधा के लिये कालनेमि को भेजा जिसका हनुमान ने वध कर दिया। औषधि की पहचान न होने के कारण हनुमान पूरे पर्वत को ही उठा कर वापस चले। मार्ग में हनुमान को राक्षस होने के सन्देह में भरत ने बाण मार कर मूच्र्छित कर दिया परन्तु सच जानने पर अपने बाण पर बिठा कर वापस लंका भेज दिया। इधर, औषधि आने में विलम्ब देख कर राम प्रलाप करने लगे। सही समय पर हनुमान औषधि लेकर आ गये और सुषेण के उपचार से लक्ष्मण स्वस्थ हो गये। रावण ने युद्ध के लिये कुम्भकर्ण को जगाया। युद्ध में कुम्भकर्ण ने राम के हाथों परमगति प्राप्त की। लक्ष्मण ने मेघनाद से युद्ध करके उसका वध कर दिया। राम और रावण के मध्य अनेकों घोर युद्ध हुये और अन्त में रावण राम के हाथों मारा गया। विभीषण को लंका का राज्य सौंप कर राम, सीता और लक्ष्मण के साथ पुष्पक विमान से अयोध्या के लिये प्रस्थान किया। सीता, लक्ष्मण और समस्त वानरसेना के साथ राम अयोध्या वापस पहुँचे। राम का भव्य स्वागत हुआ। भरत के साथ सर्वजनों में आनन्द व्याप्त हो गया। वेदों और शिव की स्तुति के साथ राम का राज्याभिषेक हुआ। चारों भाइयों के दो-दो पुत्र हुये। रामराज्य एक आदर्श बन गया। कथा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा जिससे आगरा-अलीगढ़ हाईवे पर करीब तीन घंटो तक जाम की स्थिति बनी रही।

कार्यक्रम का संचालन डा. गुरूदत्त भारतीय एवं संजय मिश्रा ने किया। श्री राम कथा के समापन पर आयोजक रामवीर उपाध्याय ने सादाबाद विधानसभा क्षेत्र की जनता एवं कार्यक्रम मे सहयोग करने वाले सभी सहयोगियों के प्रति आभार जताया।
कथा में ज्ञानेन्द्र गौतम, पूर्व मंत्री संजय राजा, पूर्व मंत्री राजाराम आनन्द, बृजमोहन राही, बनीसिंह बघेल, पप्पू बघेल, सतेन्द्र शर्मा, इन्द्रजीत कुशवाह, राजाराम फौजी, सीपू जी महाराज, राजवीर शर्मा, रामबाबू शर्मा, अरूण शर्मा, पूर्व प्रधान धर्मेन्द्र शर्मा, संजय पचौरी, पिन्टू गौतम, नागेश शर्मा, आशीष दीक्षित, भानू शर्मा, लवकुश शर्मा, कमल शर्मा, राम शर्मा, अजय शर्मा, विजय गौतम, चौ. भूदेव भाटिया, लक्ष्मण सिंह, लक्ष्मीनारायन, प्रेमपाल, श्यामवीर प्रधान, भाव सिंह, लाल बहादुर, देवी सिंह, रामवीर फौजी, सुल्तान सिंह, नेत्रपाल सिंह, सत्यवीर ठैनुंआ, विनोद पहलवान, विद्याधर चौधरी, अमित, चौ. विजय, कृष्णमुरारी, सतीश कौशिक, लायक सिंह एवं हजारों की संख्या में भक्तगण मौजूद थे।

Updated : 9 Nov 2016 12:00 AM GMT
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