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सामाजिक रुतबे के लिए पशु हत्या क्यों!

चीन की नई-नई कमाई गई संपत्ति और मध्यम वर्ग के साथ समस्या यह है कि वे न केवल अपने देश के प्रत्येक पशु तथा मछली को खा रहे है बल्कि वे अपने कभी न समाप्त होने वाले लालच के लिए समूचे संसार की लगभग सभी प्रजातियों को खींच ले रहे हैं तथा मार रहे हैं। एकाएक अफ्रीका में गधों को चीनी लोगों हेतु मांस के लिए मारा जा रहा है। हम तो सब कुछ ही गंवा रहे हैं - सीहार्स, साही, कुत्ते, शार्क, बाघ, गैंडा, भालू और मछली की प्रत्येक प्रजाति तथा जंगली बिल्ली और यहां तक कि कीड़े भी।

चीनी दुर्लभ प्रजातियों को केवल सामाजिक रूतबे के लिए मारते हैं। उनकी स्थानीय दवाएं बेकार है पर वे इसके लिए हरेक पशु की हत्या करते जा रहे हैं। वे हमारे गैंडों के सींग - जो हमारे पैर के नाखून के समान ही केराटिन से बना होता है - का उपयोग सिर के दर्द से लेकर कैंसर तक हर बीमारी के लिए करते हैं। क्या इसमें कोई तुक है? इसी प्रकार, शार्क के फिन केवल मांस के लोथड़े हंै जिनका भोजन के रूप में कोई महत्व नहीं है। परंतु वे अमीरी का प्रतीक बन गए हैं और इसलिए भारत उनके महत्वहीन सूप के लिए अपनी लाखों शार्क को गंवा बैठता है। पर उनकी सरकार की इस व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कोई कानून तथा कोई मंशा नहीं है, अवैध बाजार फल-फूल रहा है। शार्क फिन के समान ही मछली के स्विम ब्लैडर परम्परागत चीनी संस्कृति का एक अभिन्न भाग है जिसका उपयोग संपत्ति तथा समृद्धि को दर्शाने के लिए किया जाता है।

स्विम ब्लैडर एक हवा की थैली होती है जो मछली को तैरे या डूबे बिना गहराई बनाए रखने में समर्थ बनाती है। स्विम ब्लैडर मछली के तैरने पर फूल जाता है तथा गहराई में जाते समय उसमें से हवा निकल जाती है। स्विम ब्लैडर का उपयोग आवाज उत्पन्न करने या प्राप्त करने के लिए एक गूंज वाले चैंबर के रूप में भी किया जाता है। मछली सखा ढूंढने, खतरे का संकेत देने, कंपन का पता लगाने, और पानी के भीतर ध्वनि का पता लगा कर भोजन/शिकार को ढूंढने में समर्थ होती है। मछली कई प्रकार की आवाज निकाल सकती है, जिसमें गुरगुराहट से क्लिक से भोंपू, सीटी तथा गुनगुनाने की आवाजें शामिल हैं। वे ड्रम की आवाज निकालने के लिए अपने स्विम ब्लैडर के निकट की मांसपेशियों का उपयोग करती हैं। दुर्भाग्यवश इस स्विम ब्लैडर के लिए ही अधिकांश मछलियों को मारा जाता है।

ब्लैडर को निकाला, सुखाया तथा इसिंग्लास नामक एक उत्पाद में बदला जाता है, जो बीयर तथा वाइन जैसे मद्य पेयों तथा भोजन के परिष्करण में उपयोग किया जाने वाला एक कोलाजन है। बीयर को स्टार्च फरमेंट करके बनाया जाता है तथा धुंधले रूप को हटाने के लिए एक साफ करने वाले एजेंट का उपयोग किया जाता है। गैर-पशु उत्पाद मौजूद है - सीवीड, बेन्टोनाइट या काओलिन, डायटोमेसियस अर्थ, सेल्यूलोस पैड, माइक्रो-पोरस प्लास्टिक फिल्मे - परंतु मृत मछली सस्ती है और मद्य मछली से अधिक महत्वपूर्ण है और इन सब के ऊपर चीन के लोगों से आने वाली मांग है।
चीनी मछली के ब्लैडर का उपयोग किसमें करते हंै? परम्परागत दवा के अलावा और किसमें। उनकी अपनी मछली बहाबा, जो यांग्सी नदी के मुहानों में रहती है, का शिकार समाप्त होने की सीमा तक किया गया है क्योंकि इसके स्विम ब्लैडर का मौद्रिक महत्व काफी अधिक है - जिसकी कीमत सोने से भी अधिक है।
अब चीनी लोगों ने 8000 मील दूर कैलिफोर्निया की खाड़ी में टोटोबा मछली को निशाना बनाया है। टोटोबा मछली के पेट अथवा ‘‘मॉ’’ का महत्व इसके उच्च कोलाजन तत्व के चलते है और चीनी लोग मानते हैं कि इसके स्विम ब्लैडर प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकते है, रक्त संचार बेहतर करते हैं तथा त्वचा की चमक बढ़ाते हंै। टोटोबा लंबाई में 2 मीटर तथा वजन में 100 किलोग्राम तक बढ़ती है। वह 15 वर्ष तक जीवित रह सकती है। चूंकि टोटोबा वर्ष में केवल एक बार बच्चे पैदा करती है इसलिए जनसंख्या में बढ़ोत्तरी काफी मंद होती है। टोटोबा कोलोरैडो नदी के डेल्टा में बच्चे देती है और फिर बच्चे तैर कर बाहर खाड़ी में निकल जाते हैं। टोटोबा एक संकटापन्न मछली है जिसे पकडऩा कानून द्वारा प्रतिबंधित है। पर इससे चीनी लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता।

मछुआरों को एक टोटोबा ब्लैडर के लिए हजारों डालर मिलते है। इसलिए वे मछली को लाते हैं, उसका पेट काट कर बाकी शरीर को सडऩे के लिए छोड़ देते हैं। मांग इतनी अधिक है कि मैक्सिकी लोगों के कार्टल बन गए है और कोई एक मेक्सिकी मछुआरा अवैध व्यापारी को केवल एक मछली बेच लेने पर अपने पूरे एक महीने से अधिक का वेतन कमा लेता है और वह व्यापारी उसे आगे चीनियों को शुद्ध हेरोइन से अधिक मूल्य पर बेचता है।

पर्यावरणीय जांच एजेंसी ने ग्वानझाअु, चीन और हांगकांग के बाजारों में टोटोबा ब्लैडरों को खुले आम बिक्री के लिए उपलब्ध देखा। अधिकांश विक्रेताओं को इसके अवैध होने की जानकारी थी। ऑनलाइन में अनुसंधानकर्ताओं ने अवैध व्यापारियों को तस्करी के श्रेष्ठ मार्गों के संबंध में जानकारियों को साझा करते हुए देखा।
एक मैक्सीकाली डिजिटल रिपोर्ट के अनुसार किसी टोटोबा मछली का ब्लैडर 7000 से 14000 डालर के बीच बिकता है - और इस अंग का सूप चीन में 25000 डालर तक में बिक सकता है। मेक्सिकी ड्रग कार्टल तथा अमेरिकी तस्कर इस मछली का परिवहन करते हैं।

मेक्सिकाई रेगुलेटरों ने केवल वर्ष 2013 में ही अनुमानत: 2.25 मिलियन डालर के अवैध टोटोबा ब्लैडरों को जब्त किया था।

सैक्रामेंटो के जेसन जाई पर पिछले वर्ष कैलीक्सो में एक होटल के पार्किंग स्थान में 30 मार्च, 2013 को 169 ब्लैडरों की डिलीवरी लेने का आरोप लगाया गया था। जाई ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसे फरवरी में 100 ब्लैडरों में से प्रत्येक के लिए 1500 से 1800 डालर का भुगतान किया गया था।

इम्पीरियल के एंथनी सांचेज ब्यूनो पर इसी अपराध का दोष मढ़ा गया था जब प्राधिकारियों ने बताया कि वे तीन कूलरों में कैलिक्सो बार्डर पार करते हुए 169 ब्लैडर लेकर जा रहे थे। उन्होंने जांचकर्ताओं को बताया कि उन्हें 700 डालर का भुगतान किया जाना था। मैक्सिको में सैमुअल गैलार्डो कास्ट्रो की जून में हत्या 1 मिलियन डालर के मछली के बकाया भुगतान के चलते हुई थी। चार अवैध व्यापारियों को पकड़ा गया था। यह जलीय कोकीन है, नेशनल ओशियैनिक एण्ड एटमोसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन में समुद्री स्तनधारी जीवों के एक विशेषज्ञ जे बार्लो ने एसोसिएटिड प्रेस को बताया।
चीनी ब्लैडर में तेजी का टोटोबा ही एकमात्र शिकार नहीं है। वैकुइटा एक पोरपाइस है जो कैलीफोर्निया की खाड़ी के ऊपरी भाग के एक हिस्से में पाया जाता है। यह डॉल्फिन, व्हेल तथा पोरपाइस परिवार का सबसे छोटा सदस्य है, जो पांच फुट तथा 55 किलो तक बढ़ता है। वे नौकाओं से बचते है और आसानी से पकड़ में नहीं आते। वैकुइटा आमतौर पर अकेले होते हैं और कभी-कभी उनके साथ बच्चे होते हैं।

टोटोबा को पकडऩे के लिए प्रयोग की जाने वाली जालियों में वैकुइटा आसानी से फंस जाते हैं और मारे जाते हैं, क्योंकि इसके छिद्र लगभग वैकुइटा के सिर के आकार के होते हैं। ध्वनि की निगरानी का डाटा 2011 से 2014 के मध्य वैकुइटा के कार्यकलापों में 67 प्रतिशत की कमी दर्शाता है। ये 60 से भी कम बचे हंै, जिसने उन्हें संसार का सबसे अधिक संकटापन्न समुद्री स्तनधारी बना दिया है। मेक्सिकाई सरकार ने वैकुइटा के समूचे सूचित स्थानों पर मछली पकडऩे वाली जाली को प्रतिबंधित कर दिया है और साथ ही साथ कानून का पालन करने वाले मछुआरों को सब्सिडी भी दी है। पर टोटोबा को पकडऩे में लगा कोई व्यक्ति नहीं सुन रहा है।

भारत भी कोलकाता, मुंबई, वेरावल, पोरबंदर, चेन्नई और पुडुचेरी से बड़ी मात्रा में मछली के पेट बेच रहा है। हम हांगकांग तथा अन्य देशों को ईल/विलान्कु/वाम, ज्यू फिश/कतलई/घोल, थ्रेड फिश/काला/दारा, जाइंट क्रॉकर/पन्ना/कोटे/कूथ, कैट फिश/केलरू/पेतारा/सिंगाला, बेकती/गियार्टों पर्च/वैगू सी पर्च, और लिजार्ड फिश प्रजाति की सूखी मछलियों का निर्यात कर रहे हैं। इनमें से कई मछलियां अगले 20 वर्षों में समाप्त हो जाएंगी। संसार चीन के बारे में क्या कर रहा है?

Updated : 21 Dec 2016 12:00 AM GMT
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