सहकारिता से कठिन काम भी हो जाता है आसान: जैन
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सहकार भारती ने मनाया जन्म शताब्दी वर्ष समारोह
भिण्ड। सहकारिता के माध्यम से एक-दूसरे का सहयोग किया जाता है। बिना सहकारिता व सहयोग के कोई कार्य सफलतम रूप से पूरा नहीं हो सकता। इस लिए सहकारिता की भावना को जीवंत रखना बेहद जरूरी है। यह बात शिक्षाविद् सुरेश जैन ने सहकार भारती द्वारा आयोजित स्थापना दिवस समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में कही। समारोह की अध्यक्षता सहकार भारती के ग्वालियर के संभाग प्रमुख एबीएस कुशवाह ने की तथा कार्यक्रम का संचालन सहकार भारती के पूर्व प्रदेश महामंत्री प्रेम नारायण शर्मा ने किया।
सहकार भारती के स्थापना दिवस में मुख्य अतिथि सुरेश जैन ने सहकार भारती के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सहकारिता भारत की आत्मा है। हमारे भारत में बगैर सहयोग के कोई काम संभव नहीं है, सहकारिता सबके लिए है। आज संक्रांति है गुड़ और तिल जब एक हो जाते हैं तो स्वादिष्ट हो जाते हैं। गुड़ अकेला तो नुक्सान करता है। तिल अकेला खाओ तो कड़बा लगता है। अगर दोनों को मिलाकर खाया जाए तो स्वादिष्ट लगता है, गुड़ ने तिल का और तिल ने गुड़ का सहयोग किया, कहने का मतलब सहकार एक दूसरे से किया तो वह स्वादिष्ट बन गया।
उन्होंने कहा कि सहकारिता में संस्कारों का अपना महत्व है। हमारे सहकारी बंधुओं को स्वामी विवेकानंद की तरह सहकार होना चाहिए। सहकार भारती द्वारा स्व. लक्ष्मणराव ईनामदार का जन्म शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है। स्व. ईनामदार जी ने मोदी जैसे कार्यकर्ताओं का निर्माण किया था। जो आज हमारे देश की सेवा कर रहे हैं।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि आनंद बरुआ, दिलीप अवस्थी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। नृपतसिंह भदौरिया ने भी सहकारिता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुशवाह ने सहकार भारती के कार्यक्रम, योजनाएं इत्यादि पर प्रकाश डाला। अंत में सहकार भारती जिला इकाई भिण्ड के अध्यक्ष अजय शर्मा ने सभी अतिथियों एवं सहकार भारती के कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में कैलश रीतोरिया, पार्षद केशव प्रजापति, कमलेश सिरोठिया, रामकुमार गोस्वामी, पार्षद जयेन्द्र तोमर, बृजमोहन शर्मा, पवन त्रिपाठी, नरेन्द्र सिंह कुशवाह, हरिश्चन्द्र बाजपेयी इत्यादि गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
Updated : 15 Jan 2017 12:00 AM GMT
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