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परीक्षा परिणाम के बाद अब पीएचडी परीक्षा भुगतान विवादों में

परीक्षा परिणाम के बाद अब पीएचडी परीक्षा भुगतान विवादों में
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-परीक्षा नियंत्रक से हुई कुलपति की बहस, रुका भुगतान
ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा कराई गई पीएचडी की प्रवेश परीक्षा का परीक्षा परिणाम विवादों में फंसने के बाद अब भुगतान पर भी विवाद गहरा गया है। विवि के वित्त नियंत्रक ने परीक्षा के भुगतान की फाइल पर परीक्षा नियंत्रक का अभिमत मांगा तो उन्होंने सख्त टीप लगा दी कि उनका पीएचडी से कोई लेना-देना नहीं है। इसको लेकर कुलपति और परीक्षा नियंत्रक के बीच विवाद हो गया। इसके चलते फिलहाल भुगतान रोक दिया गया है।

जानकारी के अनुसार जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा विगत दिनों पीएचडी की प्रवेश परीक्षा कराई गई थी। इसके बाद प्रवेश परीक्षा के चेयरमैन प्रो. आर.ए. शर्मा एवं सदस्य प्रो. के.एस. ठाकुर ने परीक्षा में खर्च हुई राशि का भुगतान कराने के लिए नोटशीट बनाकर वित्त नियंत्रक महकसिंह के पास पहुंचा दी। वित्त नियंत्रक ने फाइल को आगे बढ़ाते हुए परीक्षा नियंत्रक प्रो. राकेश कुशवाह से अभिमत मांगा। परीक्षा नियंत्रक ने फाइल पर सख्त टीप लिखते हुए कहा कि उनका परीक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। टीप लगी हुई फाइल जब वापस वित्त नियंत्रक के पास पहुंची तो उन्होंने फाइल सीधे कुपलति प्रो. संगीता शुक्ला के पास भेज दी और वित्त नियंत्रक ने टीप लिखकर कहा कि परीक्षा नियंत्रक के अभिमत के बिना भुगतान नहीं कराया जा सकता है। फाइल देख कुलपति बिफर गर्इं और उन्होंने तत्काल परीक्षा नियंत्रक को अपने कक्ष में बुला लिया। कुलपति ने टीप लिखने का कारण पूछा तो परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि न तो मुझे पीएचडी प्रवेश परीक्षा की समिति में शामिल किया गया और न ही मुझसे कोई राय ली गई। यहां तक कि परीक्षा व मूल्यांकन कराने में भी मुझे शामिल नहीं किया गया। जब मेरा इससे कोई वास्ता ही नहीं है तो वह कैसे अपना अभिमत दे सकते हैं। इसको लेकर दोनों के बीच अच्छी खासी बहस हो गई और विवाद के चलते फिलहाल भुगतान रोक दिया गया।

एक माह बाद भी घोषित नहीं किया परीक्षा परिणाम

पीएचडी प्रवेश परीक्षा समिति में विशेषज्ञों को शामिल न करने और आरक्षण का पालन न करने को लेकर प्रवेश परीक्षा शुरू से ही विवादों में चल रही है। इसको लेकर कार्यपरिषद सदस्य सवाल उठा चुके हैं। सदस्यों ने आरोप लगाया है कि आला अधिकारियों ने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए अपने स्तर पर मूल्यांकन कराया। यही वजह है कि परीक्षा हुए करीब एक महीना हो चुका है, लेकिन अभी तक परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया गया है। इस मामले को लेकर परीक्षा नियंत्रक भी अपनी सख्त आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। उन्होंने कुलसचिव एवं कुलपति को पत्र लिखकर कहा था कि प्रवेश पत्र में मेरी सहमति से हस्ताक्षर करा लिए गए, लेकिन मुझे पूरी प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया। अगर प्रवेश परीक्षा में कोई गलती होती है तो मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

Updated : 11 Oct 2017 12:00 AM GMT
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