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नानाजी और जयप्रकाश ने अपना सारा जीवन देश को समर्पित किया : पीएम मोदी

नानाजी और जयप्रकाश ने अपना सारा जीवन देश को समर्पित किया : पीएम मोदी
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नई दिल्ली। नानाजी देशमुख की जन्मशताब्दी और जयप्रकाश नारायण की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों नेताओं को याद करते हुए कहा कि दोनों ने अपना जीवन देश को समर्पित कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के पूसा में आयोजित नानाजी देशमुख जन्मशताब्दी समारोह के उद्घाटन अवसर पर कहा कि जयप्रकाश ने सत्ता की राजनीति से स्वयं को दूर रखा लेकिन देश की परिस्थितियों को देखते हुए राजनीति में आये। वहीं नानाजी ने राजनीति छोड़कर शोध संस्थान बनाया ओर देश के युवाओं को ग्रामीण विकास से जोड़ा। उन्होंने कहा कि नानाजी ने ग्राम विकास को जनभागीदारी से आगे बढ़ाने और लोगों को जाति से ऊपर उठकर सोचने के लिए प्ररित किया।

दोनों नेताओं को जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि नानाजी जेपी के अच्छे मित्र थे। भ्रष्टाचार के खिलाफ जयप्रकाश जब लड़ रहे थे तो उन्हें रोकने के लिए पटना में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान उन पर हमला हुआ। उस समय नानाजी ने अपने हाथों पर मृत्यु के रूप में आए प्रहार को झेल लिया। वह ऐसी घटना थी कि जब देश का ध्यान नानाजी देशमुख की तरफ गया।

प्रधानमंत्री ने सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी आमजन तक पहुंचाने और उसमें पारदर्शिता लाने के लिए दिशा डैशबोर्ड और ग्राम संवाद ऐप का बुधवार को शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि जनता के साथ सरकार का सकारात्मक संवाद होना चाहिए| ‘‘ऊपर से नीचे सही मार्गदर्शन जाना चाहिए और नीचे से सही जानकारी ऊपर जानी चाहिए। यह एप्प और डैशबोर्ड इसी दिशा में किए गये प्रयास का हिस्सा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के पूसा में आयोजित नानाजी देशमुख जन्म शताब्दी समारोह के उद्घाटन अवसर पर दिशा डैशबोर्ड, ग्राम संवाद एप्प, ग्रामीण विकास के लिए बने 11 प्रशिक्षण केन्द्रों के भवनों और फिनॉमिक्स केंद्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने नानाजी देशमुख पर एक डाक टिकट भी जारी किया। नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘‘जब यह डाक टिकट लोगों तक पहुंचेंगी लोगों में नानाजी के प्रति उत्सुकता जागेगी।’’

ग्राम विकास की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गांव भी शहर की भांति सुविधा चाहता है। ग्राम में शिक्षा, बुनियादी सुविधाएं, मनोरंजन के साधन, गुणवत्तापूर्ण जीवन मिले तो लोग ग्राम में रहना चाहेंगे। हमारी सरकार ग्रामीण जीवन के विकास के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘गांव की रुचि, प्रवृत्ति और प्रकृति के अनुसार ही विकास होगा किसी अन्य तरीके से नहीं। हमारा प्रयास है ग्राम के अपने सामर्थ्य का उपयोग हो।’’

सुशासन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल अच्छा चाहने से अच्छा नहीं होगा| सुशासन की दिशा में भी काम करना होगा। उऩ्होंने कहा, ‘‘देश के पास सुविधा की कमी नहीं है, सुशासन की कमी है| जिन राज्यों में मशीनरी सही काम कर रही है वहां विकास हो रहा है।... जिन राज्यों में गरीबी है वहां मनरेगा का काम भी कम हो रहा है।’’

इस दौरान प्रधानमंत्री ने दिशा डैशबोर्ड को रिमोट के ज़रिये लॉच किया। इसे जिलास्तर पर 20 मंत्रालयों के 41 कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग के लिए बनाया गया है। इसमें इन जिलों में चल रहे कार्यक्रमों से जुड़ी तथ्यात्मक व तुलनात्मक जानकारी देखी जा सकती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डैशबोर्ड बेहतर प्रशासन का एक टूल है। जिससे सारे देश में चल रहे सरकारी कार्यक्रमों की जानकारी ली जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘दिशा के माध्यम से जनप्रतिनिधियों को ग्रामीण विकास से जोड़ने का एक अच्छा प्रयास भारत सरकार ने किया है।’’

शौचालय को इज्जत घर बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिलों को खुले में शौच मुक्त कर हमने मां-बहनों की इज्ज़त बचाये रखने का बड़ा कदम उठाया है। ‘जिन्होंने मां-बहनों की इज्ज़त के लिए काम किया है मेरे लिए वह पुण्य ग्राम हैं।’

इस दौरान प्रधानमंत्री ने ग्रामीण विकास से जुड़ी एक प्रदर्शनी का अवलोकन किया और ग्राम संवाद एप्प को लांच किया। इससे अपनी भाषा में अपने ग्राम और उससे जुड़ी जानकारी हासिल की जा सकती है। जलवायु अनुकूल फसल किस्में विकसित करने के लिए 45 करोड़ से बनी कृषि विज्ञान प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह, नरेन्द्र सिंह तोमर, राम कृपाल यादव और दीनदयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष वीरेंद्र जीत सिंह उपस्थित थे।

Updated : 11 Oct 2017 12:00 AM GMT
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