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कार्यालय में नहीं मिलते आरटीओ, कैसे हो काम!

कार्यालय में नहीं मिलते आरटीओ, कैसे हो काम!
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ग्वालियर/विशेष प्रतिनिधि। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एसपीएस चौहान के कार्यालय से नदारत रहने से आमजन के काम प्रभावित हो रहे हैं। सरकार द्वारा स्कूली छात्राओं के लिए नि:शुल्क ड्राईविंग बनने की बात हो या कोई और काम यहां कुछ भी हो पाना संभव नहीं है। जानकारी के मुताबिक परिवहन विभाग ने श्री चौहान को ग्वालियर के अलावा मुरैना के आरटीओ का भी प्रभार दे रखा है। जिससे दोनों ही जिलों की जनता किसी भी काम की बाजिव फीस अदाकर अपना काम नहीं करा सकती। शहर में बिना परमिट के टेम्पों और अन्य लोडिंग वाहनों पर कोई कार्यवाही नहीं होती। कार्यालयीन समय में जनप्रतिनिधि अथवा कोई और आरटीओ को मोबाइल लगाए तो वे उसे रिसीव नहीं करते, जिससे उनके खिलाफ असंतोष पनप रहा है।

स्कूली छात्राएं लायसेंस से वंचित:- सरकार ने स्कूली छात्राओं एवं महिलाओं को विशेष छूट देते हुए इन्हें ड्राइविंग लायसेंस की फीस से मुक्त रखा है। लेकिन ये बेटियां भी दलालों के चंगुल से मुक्त नहीं है। इन्हें लायसेंस बनवाने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ती है।

दस हजार जमा होते ही बंद हो जाती है खिड़की:-कंपू स्थित आरटीओ के दफ्तर में जमा खिड़की 10 हजार रुपए की राशि जमा होने पर बंद हो जाती है, क्योंकि मोतीमहल शाखा की स्टेट बैंक आॅफ इंडिया एक दिन में दस हजार रुपए से ज्यादा जमा नहीं करती। ऐसे में वहां पहले से ही खिड़की पर सुबह 11 बजे तमाम आवेदन लेकर दलाल आ खडेÞ होते हैं और आधा-पौन घण्टे में 10 हजार तक की फीस जमा होते ही खिड़की बंद कर दी जाती है। फिर किसी भी तरह की फीस प्राइवेट लोगों के पास जमा कराना पड़ती है, जिस पर अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है। इन सभी मामलों को लेकर जब श्री चौहान से बात करना चाही तो उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ।

इनका कहना है

‘‘हमारे पास शिकायत आई है कि आरटीओ कार्यालयीन समय में दफ्तर में नहीं बैठते और सारे कार्य अपने घर पर करते हैं, वे जन प्रतिनिधियों के मोबाइल भी नहीं उठाते। हम शीघ्र ही परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह एवं प्रभारी मंत्री गौरी शंकर बिसेन को सारी बात बताकर कार्यवाही की मांग करेंगे।’’

देवेश शर्मा, जिलाध्यक्ष भाजपा

Updated : 12 Oct 2017 12:00 AM GMT
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