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25 साल पहले गुंडों ने पिता को मारा, बेटी बनी जज

25 साल पहले गुंडों ने पिता को मारा, बेटी बनी जज
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मुजफ्फरनगर। 25 साल पहले पिता को बदमाशों ने गोली मार दी थी। आज बेटी ने जज बनकर पिता की ख्वाहिशों को पूरा कर दिया है। लोक सेवा आयोग की पीसीएस जे-2016 परीक्षा में सफल होने वाली अंजुम सैफी 1992 में सिर्फ चार साल की थीं जब गोलियों से छलनी उनके पिता का शरीर उनके घर पहुंचा था। अंजुम के जेहन में आज भी बचपन की वो धुंधली यादें ताजा हैं जब उनके पिता उन्हें जज बनाने की बात कहा करते थे। 25 साल बाद आज अंजुम जज बन गई हैं। पर, इस सपने को देखने वाले और उन्हें प्रेरणा देने वाले पिता नहीं हैं। अंजुम ने जब सफल अभ्यर्थियों की सूची में अपना नाम देखा, उनकी आंखें भर आईं। गला रुंध गया। कुछ भी बोलते नहीं बना बस पिता को याद कर रो पड़ीं। अंजुम के पिता रशीद अहमद हमेशा ही गलत करने वालों के खिलाफ खड़े रहे। 25 साल पहले एक बाजार में जहां उनकी हार्डवेयर की दुकान थी, वहां लुटेरों के खिलाफ उन्होंने मोर्चा खोला। बाद में बाजार में पुलिस की सुरक्षा को बढ़ाने की मांग को लेकर रशीद ने आंदोलन की अगुवाई भी की। और एक दिन हॉकर से पैसे छीन रहे गुंडों को रोकने की कोशिश कर रहे अहमद को सरे बाजार गोलियों से भून दिया गया। अंजुम की मां हामिदा बेगम ने बताया, 'जब रिजल्ट आया तो सभी पड़ोसी और रिश्तेदार जश्न में डूबे थे। लेकिन अंजुम बार-बार सभी से बस यही कह रही थी कि काश आज पापा यहां होते। काश मैं उनके साथ अपनी ये खुशियां बांट पाती।' अंजुम के बड़े भाई दिलशाद अहमद ने बताया, 'पापा के खोने के बाद उनके सपनों को पूरा करने के लिए हम सभी ने कड़ी मेहनत की है। आज अंजुम ने जो हासिल किया है, उसके पीछे उसकी कड़ी मेहनत है। हमने तमाम कठिनाइयों का दौर देखा लेकिन हम हारे नहीं और उसी का नतीजा है कि आज मेरी बहन इस मुकाम पर है।' बता दें कि 40 साल के होने के बावजूद अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए दिलशाद अहमद ने अभी शादी नहीं की है।

Updated : 16 Oct 2017 12:00 AM GMT
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