Home > Archived > न मुहूर्त, न सात फेरे, पसंद आने पर खिलाया पान और हो गई शादी

न मुहूर्त, न सात फेरे, पसंद आने पर खिलाया पान और हो गई शादी

न मुहूर्त, न सात फेरे, पसंद आने पर खिलाया पान और हो गई शादी
X


हरदा।
आमतौर पर माता-पिता अपनी संतान की शादी के लिए योग्य वर-वधु ढूंढते हैं। कुंडली मिलान के साथ ही पंडित से मुहूर्त पूछते हैं, फिर करते हैं शादी, ताकि उनका वैवाहिक जीवन सुखमय हो। लेकिन हरदा जिले के मोरगढ़ी में लगे मेले में आदिवासी समाज के युवक-युवतियों ने एक-दूसरे को पसंद किया, पान खिलाया और हो गई शादी। यानी पान खिलाने के बाद युवक-युवती को अपने साथ घर ले जाता है। हरदा जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर मोरगढ़ी में एक ऐसा ही मेला लगा।

यहां के आदिवासी समाज में साल में एक बार इस मेले का आयोजन दीपावली के ठीक बाद लगने वाले साप्ताहिक बाजार के दौरान किया जाता है। शादी के लिए यहां पंडित से मुहूर्त नहीं पूछा जाता, न ही अग्नि के सात फेरे लिए जाते हैं। मेले के दौरान युवक-युवती एक दूसरे को पसंद कर लेते हैं तो वह पान खिलाकर रजामंदी दे देते हैं।

वधु पक्ष लेता है दहेज

सुनने में थोड़ा यह अजीब लगेगा, लेकिन है बिल्कुल सच। इस मेले में पान खिलाकर पहले तो युवक, युवती को ले जाता है। फिर कुछ दिनों बाद जब दोनों के परिवार आपस में मिलते है तो वधु पक्ष, वर पक्ष से दहेज लेता है। मेले में आई वृद्घ आदिवासी महिला पुनिया बाई बताती हैं कि यह वर्षों पुरानी परंपरा है।

लड़की वाले ही लड़के वालों से दहेज की मांग करती है। मुन्ना आदिवासी ने बताया कि इस मेले में अब तक जिनकी भी शादी हुई है, उनके बीच कभी ऐसा कोई विवाद नहीं हुआ कि मामला न्यायालय कचहरी या थाने पहुंचे।

Updated : 24 Oct 2017 12:00 AM GMT
Next Story
Top