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'100 साल बाद' नसीब होगी वतन की मिट्टी

100 साल बाद नसीब होगी वतन की मिट्टी
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नई दिल्ली।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस में शहीद हुए 2 भारतीय सैनिकों के शव अपनी मातृभूमि लौटेंगे। इन दोनों सैनिकों को अंग्रेजी फौज की तरफ से फ्रांस लड़ने के लिए भेजा गया था। बताया जा रहा है कि शहीद होने के बाद दोनों सैनिकों के शवों को फ्रांस में ही दफन कर दिया गया था। उनके शव देश वापस नहीं लाए गए थे। खबरों के अनुसार इन दोनों सैनिकों को डनकर्क से करीब 70 किलोमीटर दूर लावेनती नामक जगह पर ब्रिटिश और जर्मन सैनिकों के साथ दफन किया गया था।

पिछले साल फ्रांस में हुई खुदाई के बाद इन शवों के बारे में पता लगा था। दोनों अवशेषों के पास गढ़वाल राइफल्स का चिह्न मिला है। इसी आधार पर फ्रांस की सरकार ने भारत की सरकार को पहचान के लिए बुलावा भेजा है। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार गढ़वाल राइफल्स के ब्रिगेडियर समेत चार भारतीय सैन्य अफसर अगले महीने फ्रांस में शहीद भारतीय सैनिकों की शिनाख्त करने के लिए जाएंगे। आपको बता दें कि गढ़वाल राइफल्स के जवानों ने ब्रिटिश इंडियन आर्मी के लिए पहले और दूसरे विश्व युद्ध में हिस्सा लिया था। ऐसा बताया जाता है कि पहले विश्व युद्ध में गढ़वाल राइफल्स के 721 जवान तो दुसरे विश्व युद्ध में 349 जवान शहीद हुए थे। पहले विश्व युद्ध में करीब 10 लाख भारतीय सैनिकों ने हिस्सा लिया था जिनमें से करीब 62 हजार मारे गये थे। ज्यादातर जवानों को विदेशी धरती पर ही दफन किया गया था। उनके शव भारत नहीं लाए गए थे।

Updated : 28 Oct 2017 12:00 AM GMT
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