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दुनिया में खत्म हो रहा ‘तेल का खेल’

दुनिया में खत्म हो रहा ‘तेल का खेल’
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नई दिल्ली। दुनिया तेजी से पोस्ट-आॅइल फ्यूचर यानी बिना तेल के भविष्य की तरफ बढ़ रही है। यह भविष्य है इलेक्ट्रिक बैटरीज का, जो दुनिया को चलाएंगी। आप एलन मस्क के फेमस इलेक्ट्रिक वीइकल टेस्ला की झलक देख चुके हैं। अगर नहीं तो आप यहां क्लिक कर इसे देख सकते हैं। अब समय आ गया है कि प्लेन भी इलेक्ट्रिक हों। बोइंग और जेटब्ल्यू एयरवेज ने घोषणा की है कि वे हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट की बिक्री 2022 तक शुरू कर देंगे। जुनून एयरो के प्लान के मुताबिक ये स्माल प्लेन 12 पैसेंजर्स की क्षमताओं वाले होंगे। ये ट्रैवल टाइम और कॉस्ट, दोनों ही बचाएंगे। क्लीन एनर्जी एक्सपर्ट टोनी सेबा का अनुमान है कि इलेक्ट्रिक वीइकल एक दशक में ग्लोबल आॅइल इंडस्ट्री को ध्वस्त कर देंगे। उनका कहना है कि 2030 तक 95 फीसदी लोग प्राइवेट कार के मालिक नहीं रह जाएंगे, जिससे आॅटोमोबाइल इंडस्ट्री साफ हो जाएगी। दरअसल इलेक्ट्रिक प्लेन तो आॅइल इंडस्ट्रीज के लिए तीसरे झटके होंगे। इलेक्ट्रिक वीइकल के बाद ही इस इंडस्ट्री के दूसरे झटके के रूप में एक नई चीज पर चर्चा हो रही है। यह है आॅटोनॉमस वीइकल।

स्वचलित गाड़ियां भी तेल उद्योग के लिए झटका ही हैं क्योंकि इनकी वजह से भी गाड़ियों की पर्सनल ओनरशिप में कमी आएगी। ट्रांसपॉर्ट के तकनीक आधारित मॉडल जैसे ओला और ऊबर भी शेयरर्ड ट्रांसपॉर्ट को बढ़ावा दे रहे हैं। इसकी वजह से भी तेल की मांग में कमी आएगी। इन्हीं सब आधारों पर सेबा 2030 तक 95 फीसदी लोगों के कार के मालिक नहीं रह जाने का अंदाजा लगा रहे हैं। अब बैटरी से चलने वाले छोटे प्लेन इस इंडस्ट्री के लिए तीसरे झटके होंगे। ये फिलहाल के हवाई जहाजों से सस्ते रहने वाले हैं इसलिए इनके काफी लोकप्रिय होने की संभावना है।

Updated : 7 Oct 2017 12:00 AM GMT
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