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धन को अर्थ समझने वालों का जीवन ही व्यर्थ

धन को अर्थ समझने वालों का जीवन ही व्यर्थ
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श्रीराम कथा सभी वर्गों के कल्याण की बात कहती है। मानव मात्र, जीव मात्र का उद्धार करने वाली राम कथा है। राम कथा कई अर्थों से भरी है,लेकिन लोग केवल धन को ही अर्थ समझते हैं। धन को अर्थ समझने वालों का जीवन ही व्यर्थ हो जाता है। राम कथा में निश्चियात्मक ज्ञान है। जीव मात्र का मंगल करने वाली यह कथा है। जो कार्य करना है उसे सफल करने के लिए व्यक्ति में विनम्रता होना जरूरी है। कई बार ऐसा होता है कि आपकी कोई गलती नहीं है फिर भी आपका अपयश होता है, क्योंकि आप में विनम्रता नहीं है। जो व्यक्ति विनम्र नहीं है सहज नहीं है उसकी उन्नति से पड़ोसी भी जलते हैं। अगर आपके अंदर विनम्रता है तो आपकी उन्नति में वे सहायक होते हैं।

नित्य कर्म के बाद गणेश जी का स्मरण करो

दिन की शुरूआत करने के लिए नित्य कर्म के बाद सबसे पहले गणेश जी, फिर गुरु और फिर शक्ति का स्मरण करो। जिस रूप में चाहो उस रूप में गुरु का स्मरण करो। उसके बाद शक्ति का स्मरण करो। ऐसा जो भी करता है उसके मार्ग से सभी अवरोध दूर हो जाते हैं और वह सफल होता है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा राजनीति और सत्संग, दोनों को अलग रखा जाता है, जो मेरे लिए निजी प्रसन्नता का विषय है। कथा का समय रविवार को दोपहर 1 से 4 बजे तक रहेगा।

मानसिक विरोध से नहीं बचा जा सकता

राष्टÑसंत कनकेश्वरी देवी ने श्रोताओं को बताया कि सफलता को पचाओ,विनम्रता को पचाओ। प्रकट विरोध से तो बचा जा सकता है लेकिन मानसिक विरोध से नहीं बचा जा सकता है। मानसिक विरोधियों से बचने का उपाय विनम्रता है। जो काम करना है उसे प्रकट करने की बुद्धि चाहिए, जो मां सरस्वती के आशीर्वाद से ही मिलेगी।

Updated : 8 Oct 2017 12:00 AM GMT
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