लविवि में अगले सत्र से नई भाषा में होंगे कोर्स शुरू
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लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में ईरानियन ऐंड सेंट्रल एशियन स्टडीज कोर्स पर विभाग ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। अगले सत्र से इसे शुरू कर दिया जाएगा। इसके तहत लविवि से अब ईरानियन स्टडीज में बीए, एमए और पीएचडी की पढ़ाई हो सकेगी। साथ यह विवि पहला है जो इसे पढ़ाने जा रहा है।
इस कोर्स के को-ऑर्डिनेटर प्रो आरिफ अय्यूबी की मानें तो इसका पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है और संसाधन समेत अन्य चीजें जरूरतों को पूरा करने की तैयारी चल रही है। यह कोर्स पर्शियन विभाग में चलना प्रस्तावित है। इसमें उर्दू और पर्शियन के छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। चूंकि इसकी पढ़ाई उर्दू में ही होगी इसलिए छात्र को उर्दू लिखना आना जरूरी है। बीए में प्रवेश के लिए छात्र के पास इंटर में उर्दू होना अनिवार्य होगा। जबकि एमए और पीएचडी में उर्दू या पर्शियन विषय के छात्रों को इसमें प्रवेश दिया जाएगा। बीए और एमए में ईरान के भौगोलिक परिक्षेत्र, ग्रामर, पर्शियन, रिलीजन कल्चर, आर्यन इन ईरान के साथ वहां के राइटर, पेंटिंग, आर्ट एंड क्राफ्ट, ईरानियन रिवॉल्युशन, लिट्रेचर, कल्चरल रिफॉर्म्स मुख्य होंगे। एशियन देशों के बारे में भी पढ़ाया जाएगा।
भारत और ईरान का इंटर-कनेक्शन और कल्चर की समानता भी इसके पाठ्यक्रम में शामिल है। यह कोर्स करने के बाद अनुवाद, फिल्म, ड्रामा व अभिनय समेत कई क्षेत्रों में छात्रों जौहर दिखाने का अवसर प्राप्त होगा।