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विदा हो गई 'केसरिया बालम...' की जानी-पहचानी आवाज

विदा हो गई केसरिया बालम... की जानी-पहचानी आवाज
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उदयपुर की मांड गायिका मांगीबाई आर्य का निधन

उदयपुर। प्रख्यात मांड गायिका मांगीबाई आर्य का गुरुवार सुबह उदयपुर में निधन हो गया। मूलत: प्रतापगढ़ जिले की रहने वाली आर्य लम्बे समय से उदयपुर के भटि्टयानी चौहट्टा में अपने छोटे पुत्र के साथ रह रही थीं। उनके निधन की सूचना से लोक कला जगत में शोक छा गया। कई लोक कलाकार उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे।

राजस्थानी लोक गायन की समर्पित माण्ड गायन शैली को वे 4 वर्ष की उम्र से ही सीखने लगी थीं। उनका विवाह बड़ीसादड़ी राजघराने के प्रमुख गायक स्व. रामनारायण आर्य के साथ हुआ। मांगीबाई को कई गीत कंठस्थ थे। उन्होंने अपने गीतों के संकलन की एक पुस्तक भी प्रकाशित करवाई, जिसे पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र ने अपने सभी पुस्तकालयों में रखवाया।

उन्हें आकाशवाणी महानिदेशालय की ओर से 'ए' श्रेणी की कलाकार के रूप में नवाजा गया। उन्हें 1982 में महाराणा कुंभा संगीत परिषद उदयपुर, 1987 में बीएन प्रबंध समिति, 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत ने 15 अगस्त को जयपुर में, वर्ष 2003 में मरुधरा संस्था, 2006 में राजस्थानी भाषा साहित्य अकादमी बीकानेर, 2007 में राज्यपाल पुरस्कार, 2008 में राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर, इसी वर्ष केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली, 31 दिसम्बर 2010 में मध्यप्रदेश सरकार, 11 सितम्बर 2011 को राजस्थान रत्नाकर संस्थान नई दिल्ली की ओर से सम्मानित किया गया।

इनके अलावा भी श्रीमती मांगीबाई को कई सम्मान प्राप्त हुए। उन्होंने टीवी सीरियल रंग बदलती दुनिया, प्रौढ़ निदेशालय अहमदाबाद तथा टीवी सीरियल फोर्ट एंड प्लेसेज ऑफ राजस्थान में पार्श्व गायन दिया। उन्होंने 20 वर्ष तक पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में लोक गायन शिक्षिका के पद पर कार्य किया।

Updated : 23 Nov 2017 12:00 AM GMT
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