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बच्चियों से दुष्कर्म करने पर होगी फांसी

बच्चियों से दुष्कर्म करने पर होगी फांसी
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-शिवराज कैबिनेट ने दंड विधि (मप्र संशोधन विधेयक) 2017 को दी मंजूरी
भोपाल। ज्यादती और सामूहिक ज्यादती करने वालो को अब प्रदेश में फांसी की सजा होगी। आज शाम हुई शिवराज कैबिनेट ने दंड विधि (मप्र संशोधन विधेयक) 2017 प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मंजूरी मिलने के बाद अब इसे शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। कैबिनेट की बैठक में द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई । सूत्रों के मुताबिक द्वितीय अनुपूरक बजट करीब 5500 करोड़ का है। इसमें सूखा राहत और भावांतर योजना में बड़े खर्च की पूर्ति के लिए भी प्रावधान किया गया है। महिलाओं से संबंधित अपराधों पर रोक लगाने शिवराज सरकार ने आज कड़ा फैसला लिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में दंड विधि (मप्र संशोधन विधेयक) 2017 प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस प्रस्ताव में बारह साल से कम उम्र की बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में कम से कम 14 साल और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 20 साल की सजा होगी वही अधिकतम सजा फांसी तक देने का प्रावधान है । प्रस्ताव में कहा गया है कि आजीवन सजा 14 साल नहीं बल्कि पूरी जिंदगी होगी। सार्वजनिक स्थानों पर महिला की बेइज्जती करने, छेडखानी, पीछा करने, फब्तियां कसने व अभद्र इशारा करने जैसे मामलों में भी सजा सख्त होगी। प्रस्ताव में धारा 354 ए, 354बी, 354सी, 354डी में जमानत देने से पहले अदालत लोक अभियोजक का पक्ष जरूर सुनेगी। प्रस्तावित संशोधन में छेड़छाड़ की घटना को भी शामिल किया गया। एक बार छेड़छाड़ की घोषित सजा पाने के बाद यदि आरोपी दोबारा इस तरह की घटना को अंजाम देता है तो उससे अपराधियों जैसा बर्ताव होगा और सजा भी सख्त होगी।

मुख्यमंत्री के तर्क से सब हुए सहमत

बताया जाता है कि बैठक में फांसी की सजा देने पर दुष्कर्म पीड़िता को मार देने व फांसी की सजा ज्यादा सख्त होने की बात भी उठी। मंत्रियों का कहना था कि बच्चियों से दुष्कर्म करने वालो को कठोर दंड मिलना चाहिए लेकिन फांसी का प्रावधान होने के बाद दुष्कर्मी बच्चियों की हत्या कर देंगे। हमें इस ओर भी ध्यान देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली कैबिनेट में भी यह मुद्दा उठा था लेकिन जब तक कड़ी सजा का प्रावधान नहीं होगा इस तरह की घटनाएं नहीं रुकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हत्या के आरोपियों को भी फांसी की सजा का प्रावधान है, लेकिन कितनों को फांसी हो गई। इसलिए ज्यादती या सामूहिक ज्यादती के मामलों में नरमी से काम नहीं होगा। फांसी की सजा का प्रावधान जरूरी है। इसके बाद सभी इस पर सहमत हो गए। उन्होंने बताया प्रस्तावित संशोधन में छेड़छाड़ की घटना को भी शामिल किया गया और छेडछाड़ करने वालो को भी अब कड़ी सजा मिलेगी।

बैठक में यह फैसले भी हुए

-पंचायत सचिव निकायकर्मी को महंगाई भत्ता ’ छठवें वेतनमान वालों को 3 और -7 वें वेतनमान वालों को एक प्रतिशत
-पुलिस में अजजा के रूप में आरक्षण मंजूर
-आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता वाला प्रस्ताव मंजूर, मुख्यमंत्री इस बोर्ड के अध्यक्ष होंगे
-सरदार सरोवर का प्रस्ताव मंजूर
-कौशल विकास व रोजगार निर्माण को मर्ज करने को मंजूरी
-निजी विद्यालय 10 प्रतिशत फीस बढ़ा सकेंगे। इससे अधिक के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में होगा फैसला।

Updated : 27 Nov 2017 12:00 AM GMT
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