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ओंकारेश्वर में बनेगा वेदांत दर्शन का अद्भुत केन्द्र : शिवराज सिंह

ओंकारेश्वर में बनेगा वेदांत दर्शन का अद्भुत केन्द्र : शिवराज सिंह
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उज्जैन में एकात्म यात्रा का शुभारम्भ ।



भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि ओंकारेश्वर वेदांत दर्शन के अद्भुत केन्द्र के रूप में स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर में आदिशंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित कर उनके योगदान को चिरस्मरणीय बनाया जाएगा। समाज ठीक दिशा में चले, इसलिये संतों के नेतृत्व में आदिशंकराचार्य के अद्वैतवाद का प्रचार-प्रसार किया जायेगा। आज सनातन धर्म बचा है तो वह शंकराचार्य की देन है। वे न होते तो भारत का यह स्वरूप ही न होता। उन्होंने उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम को जोड़ा। सांस्कृतिक रूप से देश को एक किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यह बात आज उज्जैन में एकात्म यात्रा का शुभारंभ करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक अद्भुत बात है कि बद्रीनाथ मन्दिर में केरल के नंबुरिपाद ब्राह्मण पुजारी हैं। द्वादश ज्योतिर्लिंग की कल्पना भी शंकराचार्य ने की। दुनिया के सामने आज जितने संकट हैं, उन सबका समाधान अद्वैत वेदांत में है। शंकराचार्य सर्वज्ञ थे। ओंकारेश्वर में गुरु से ज्ञान प्राप्त कर वे भारत भ्रमण पर निकल गये और स्थान-स्थान पर शास्त्रार्थ कर अपनी विद्वता स्थापित की। वे सभी रूढ़ियों को समाप्त करने वाले संन्यासी थे। वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन के माध्यम से सारी दुनिया को एक ही परिवार के रूप में मानना, प्राणियों को भी अपने समान दर्जा देना उनकी विशेषता थी। आदि शंकराचार्य ने कहा कि धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो। प्राणियों में सद्भावना हो। उन्होंने विश्व कल्याण का आव्हान किया और कहा कि एक ही चेतना सभी में है। कोई भी छोटा-बड़ा नहीं है। पशु, पक्षी, पेड़, पौधों सभी को उन्होंने एक समान माना।

इसके पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, स्वामी परमात्मानन्द सरस्वती, स्वामी विश्वेरानन्द, संत रामेश्वरदासजी, स्वामी अतुलेश्वरानन्द सरस्वती एवं अन्य गणमान्य संतों ने आदिशंकराचार्य के चित्र के संमुख दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इसके बाद पादुका पूजन किया एवं एकात्म यात्रा का ध्वज यात्रा के लिये सौंपा गया। कार्यक्रम में सभी संतों की ओर से स्वामी परमात्मानन्द एवं स्वामी विश्वेरानन्द ने मुख्यमंत्री को रूद्राक्ष की माला पहनाकर आशीर्वाद दिया।

आचार्य परिषद के सचिव संत परमात्मानन्द सरस्वती ने कहा कि भारतीय संस्कृति वेद पर आधारित है और निरंतर है। विश्व में कई संस्कृतियां खड़ी हुर्इं और नष्ट हो गर्इं, लेकिन भारतीय संस्कृति आज भी जीवित है। हमें इस संस्कृति का संवर्धन कर इसकी रक्षा करना होगी। हिन्दू धर्म ऐसा धर्म और संस्कृति है, जो सर्वग्राही है। द्वैत होने पर भी अद्वैत का दर्शन कराने वाली हमारी संस्कृति है। शंकराचार्य ने हमारे पारम्परिक व सामाजिक मूल्य को समृद्ध किया।

एकात्म यात्रा के उज्जैन प्रखण्ड के प्रभारी राघवेन्द्र गौतम ने बताया कि ओंकारेश्वर में 108 फीट ऊंची शंकराचार्य की मूर्ति की स्थापना होगी और इसके लिये धातु संग्रहण करने के लिये एकात्म यात्रा निकाली जा रही है।

मुख्यमंत्री ने ध्वज थामा

कार्यक्रम के समापन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एकात्म यात्रा का ध्वज थामा। उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह ने मंगल कलश थामा। कार्यक्रम के अध्यक्ष स्वामी विश्वेश्वरानन्द ने शंकराचार्य की चरण पादुकाएं थामींं तथा भगवान आदि शंकराचार्य की एकात्म यात्रा का नेतृत्व किया।

Updated : 20 Dec 2017 12:00 AM GMT
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