Home > Archived > राजधानी के सरकारी स्कूलों में बच्चे असुरक्षित, 600 में बाउंड्रीवाल नहीं

राजधानी के सरकारी स्कूलों में बच्चे असुरक्षित, 600 में बाउंड्रीवाल नहीं

राजधानी के सरकारी स्कूलों में बच्चे असुरक्षित, 600 में बाउंड्रीवाल नहीं
X

भोपाल। राजधानी के मिडिल और प्रायमरी शालाओं में पढ़ने वाले बच्चे असुरक्षित हैं। इन शालाओं में गार्ड, चौकीदार तो छोड़िए बाउंड्रीवाल तक नहीं है। राजधानी के 600 स्कूलों में इस समय बाउंड्रीवाल तक नहीं है, यह हालात सालों से है। अब इन स्कूलों में बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए डीपीसी कार्यालय नवीन कार्ययोजना तैयार कर राज्य शिक्षा केन्द्र को भेज रहा है।

राजधानी के फंदा और बैरसिया विकास खंड में 640 मिडिल और प्रायमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां बीते कई सालों से बाउंड्रीवाल नहीं है। समय-समय पर डीपीसी कार्यालय इन शालाओं में बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए स्वीकृति मांगता रहा, लेकिन राशि का अभाव होने की बात हर बार कही जाती रही है।

इस कमी से शालाओं में होती घटनाओं को लेकर अब अधिकारी भी सक्रिय हुए हैं। इन समस्त शालाओं में अगले शिक्षण सत्र से बाउंड्रीवाल का निर्माण हो सके, इसके लिए डीपीसी कार्यालय नवीन कार्ययोजना के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि कुछ अतिरिक्त कक्ष, शौचालय निर्माण सहित अन्य कार्यों को भी तैयार होने वाली नवीन कार्य योजना में शामिल किया जा रहा है। असुरक्षा से रही परेशानियां राजधानी की जिन शालाओं में बाउंड्रीवाल नहीं है, वहां लगातार परेशानियां रही हैं। सेवनिया गौड़ मिडिल स्कूल में बाउंड्रीवाल की कमी से कई बार चोरी की वारदातें घटित हो चुकी हैं। यहां आवारा पशु कक्षाओं में घुसते हैं। असामाजिक तत्व शराब के नशे में कई बार बालिकाओं को परेशान कर चुके हैं। इसी प्रकार कुछ वर्ष पूर्व गांधी बाल मंदिर में असामाजिक तत्व स्कूल में घुसकर वारदात कर चुके हैं।

जो नवीन कार्ययोजना तैयार हो रही है। उसमें हम 640 मिडिल-प्रायमरी शालाओं में बाउंड्रीवाल की मांग कर रहे हैं। इसमें अन्य निर्माण कार्यों को भी शामिल किया जाएगा।

तंवर सिंह राठौर, डीपीसी, भोपाल

Updated : 27 Dec 2017 12:00 AM GMT
Next Story
Top