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‘मऊ’ से हर दिन सवा करोेड़ का पत्थर चुरा रहा है माफिया

‘मऊ’ से हर दिन सवा करोेड़ का पत्थर चुरा रहा है माफिया
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-धमाकों व क्रेशरों की धूल से बीमार और परेशान शताब्दीपुरम वासी, अधिकारी मौन
ग्वालियर। ग्वालियर का सबसे अच्छी गुणवत्ता वाला काला पत्थर उगलने वाली मऊ (शताब्दीपुरम) की खदानों से प्रतिबंध के बावजूद प्रतिदिन करीब सवा करोड़ रुपए से अधिक कीमत का पत्थर चुराया जा रहा है। खनिज और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रिश्वतखोर अधिकारियों के संरक्षण में जारी खनिज चोरी के इस खेल में जहां शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है वहीं श्वांस और त्वचा आदि से संबंधित गंभीर बीमारियों से ग्रसित शताब्दीपुरम और दीनदयाल नगरवासी इन खदानों में धमाकों तथा क्रेशरों और अवैध खनिज से भरे डम्परों से उड़ती धूल के कारण अत्यधिक परेशान हैं।

उल्लेखनीय है कि शताब्दीपुरम और दीनदयाल नगर से सटे मऊ खनन क्षेत्र में न्यायालय के आदेश पर वर्ष 2012 में डी-फोर ब्लास्ट पर रोक लगा दी गई थी। यहां के खदान संचालकों को न्यायालय ने खनन क्षेत्र में रखे माल को उठाने की अनुमति प्रदान की थी। हालांकि इस बीच स्थानीय प्रशासन, खनिज और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के भ्रष्ट अधिकारियों ने गुपचुप रूप में इन खदानों को यह कहकर संचालित रखा कि इन खदानों को मार्च एवं जुलाई 2017 तक खनन की अनुमति प्राप्त है। इस बीच एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में आवेदन देकर मानव स्वास्थ्य और प्राकृतिक असंतुलन बढ़ा रहीं (मऊ) शताब्दीपुरम की इन खदानों पर शीघ्र रोक लगाने की मांग की गई। एनजीटी ने इस आवेदन को संज्ञान में लेकर जिलाधीश ग्वालियर के माध्यम से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और संचालक खनन सुरक्षा से इस खनन क्षेत्र के संबंध में रिपोर्ट मांगी। इस नोटिस के जवाब में प्रशासन ने एनजीटी को अवगत कराया कि ग्वालियर जिले की सभी खदानें 30 जून 2016 से बंद पड़ी हैं। इस आदेश के तहत मऊ (शताब्दीपुरम) की खदानें भी संचालित नहीं की जा रही हैं। इस कारण यहां खदानों के कारण प्रदूषण नहीं हो रहा है। इस दौरान यहां की खदानों को कुछ समय के लिए सख्ती से बंद भी करा दिया गया। खदानों के बंद किए जाने संबंधी प्रशासन के आदेश से संतुष्ट एनजीटी ने कुछ निर्देशों के साथ इस प्रकरण को समाप्त कर दिया था। हालांकि कुछ ही समय बाद यहां खदानें संचालित करने वाले खनिज माफिया ने खदानों और क्रेशरों को संचालित कर लिया। विगत करीब चार महीने से प्रतिदिन यहां करीब आधा दर्जन खदानों में डी-फोर धमाके हो रहे हैं। चार बड़े खनिज माफिया यहां से प्रतिदिन करीब सवा करोड़ का पत्थर चोरी कर रहे हैं। रोशनी के उजाले में खदान और क्रेशर मौन रहते हैं, जबकि शाम पांच बजे से सुबह आठ बजे तक धड़ल्ले से पत्थर निकालकर पीसा जा रहा है। रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक यहां से करीब 300 से अधिक डम्पर, ट्रक और ट्रैक्टर-ट्रॉली शनिचरा, शताब्दीपुरम और हजीरा थाने के दोनों ओर के मार्गों से गिट्टी लेकर निकल रहे हैं।

इनकी खदानों में हो रहा है अवैध उत्खनन

शताब्दीपुरम में खनिज कारोबारी रामनिवास शर्मा (अमरनाथ), श्रेयदीप स्टोन क्रेशर प्रो. कुलदीप गौर (श्याम शर्मा), बृजेश शर्मा (कांग्रेस नेता सुरेन्द्र शर्मा के भाई) की खदानों पर प्रति रात्रि में डी-फोर ब्लास्ट कर पत्थर निकाला जा रहा है। रात भर क्रेशरों पर पत्थर पीसकर एवं पहले से जमा किया गया करीब सवा करोड़ रुपए से अधिक का पत्थर चोरी किया जा रहा है। खास बात यह है कि खनिज कारोबारी श्याम शर्मा की खदानों से बोल्डर लेकर पीसने के लिए अनुबंधित रही सड़क निर्माण कम्पनी ओरियंटल क्वैरीज एण्ड माइंस प्रायवेट लिमिटेड के स्थानीय कर्मचारियों द्वारा भी प्रबंधन को धोखे में रखकर माफिया को खनिज चोरी में सहयोग किया जा रहा है।

खनिज सुरक्षा रिपोर्ट में खतरनाक बताई खदानें

संचालक खनन सुरक्षा ग्वालियर ने मऊ (शताब्दीपुरम्) खनन क्षेत्र के संबंध में वर्ष 2012 में न्यायालय में संलग्न की गई रिपोर्ट में इन खदानों को मानव जीवन के लिए अत्यंत खतरनाक तथा यहां डी-फोर ब्लास्ट को प्रकृति के लिए घातक बताया था। इसके बावजूद अधिकारियों के संरक्षण में माफिया यहां लगातार डी-फोर ब्लास्ट करता आ रहा है।

इनका कहना है

‘‘मऊ (शताब्दीपुरम) क्षेत्र में काले पत्थर के अवैध उत्खनन एवं बहुमूल्य खनिज चोरी किए जाने की सूचना आपके माध्यम से मिली है। कल ही इसे दिखवाता हंू। जिले में कहीं भी अवैध उत्खनन अथवा खनिज का अवैध परिवहन पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’

राहुल जैन
जिलाधीश ग्वालियर

Updated : 29 Dec 2017 12:00 AM GMT
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