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बेवजह अधिकारी मत बनाओ, लापरवाही सामने आई तो कौन जिम्मेदार होगा

बेवजह अधिकारी मत बनाओ, लापरवाही सामने आई तो कौन जिम्मेदार होगा
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जीवाजी विवि में आयोजित टीएल बैठक में हुई प्रकरणों की समीक्षा ।


ग्वालियर । जीवाजी विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की शिकायतों का एल-1 स्तर पर निरारकण करने के लिए अधिकारी नियुक्ति किए जाने को लेकर परीक्षा नियंत्रक सहित कर्मचारियों ने आपत्ति दर्ज कराई है। जीवाजी विवि में शुक्रवार को आयोजित हुई टीएल बैठक में परीक्षा नियंत्रक डॉ. राकेश कुशवाह ने कुलसचिव से कहा कि कर्मचारियों को बेवजह एल-1 का अधिकारी मत बनाओ। मैं खुद ही प्रकरणों को निपटाने में पूरा सहयोग करता हूं। फिर लिखित में आदेश क्यों निकाले गए। अगर कोई लापरवाही सामने आई तो कौन जिम्मेदार होगा। वहीं गुस्साए कर्मचारियों ने भी लिखित में मिली जिम्मेदारियों को लेकर सवाल खड़े किए।

दरअसल जीवाजी विश्वविद्यालय के रेक्टर प्रो. आर.जे. राव एवं कुलसचिव प्रो. आनंद मिश्रा शुक्रवार को टीएल बैठक में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के प्रकरणों की समीक्षा कर रहे थे, जिसमें कुलसचिव ने असिस्टेंट रजिस्ट्रार अभयकांत मिश्रा से पूछा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के किन-किन प्रभारियों ने रिर्पोटिंग दी है। इस पर उन्होंने बताया कि मुझे केवल एक कर्मचारी ने ही प्रकरणों की समीक्षा कराई है। शेष कर्मचारियों से कोई जवाब नहीं आए हैं। इस पर कुलसचिव गुस्से में बोले कि मुझे हर हाल में प्रतिदिन प्रकरणों का निराकरण चाहिए। अगर लापरवाही बरती गई तो संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान कर्मचारी रामऔतार सिंह तोमर ने कहा कि जिन कर्मचारियों को हेल्पलाइन की ट्रेनिंग के लिए भोपाल भेजा गया था, उन्हीं को प्रभारी बनाया जाए। हमारा वेतन भी उन कर्मचारियों से बहुत कम है और काम का बोझ बेवजह बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में वह प्रकरण कैसे निपटाएं। इस पर कुलसचिव ने कर्मचारी को समझाते हुए कहा कि दो जनवरी को मुख्यमंत्री समाधान आॅनलाइन की बैठक होना है। इसके बाद प्रभारियों के आदेश निरस्त हो जाएंगे।

Updated : 30 Dec 2017 12:00 AM GMT
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