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चीन को चुनौती देगी रामदेव की पतंजलि

चीन को चुनौती देगी रामदेव की पतंजलि
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-सोलर उपकरण बनाने वाली चीनी कंपनियों के खिलाफ मैदान में
नई दिल्ली। एफएमसीजी क्षेत्र में धूम मचाने के बाद योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद अब अधोसंरचना सेक्टर में कूदने के लिए तैयार है। कंपनी की नजर सौर ऊर्जा से संचालित उपकरणों के उत्पादन पर है। यह क्षेत्र काफी तेजी से उभर रहा है और फिलहाल इसमें चीने से आयात होने वाले सामानों का दबदबा है। आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने कहा, स्वदेशी आंदोलन के साथ हम सौर ऊर्जा क्षेत्र में उतरने जा रहे हैं। सौर ऊर्जा के साथ भारत के हर परिवार में बिजली की आपूर्ति की जा सकती है और हम इसे पूरा करने के लिए ही इस क्षेत्र में हैं। बताया जा रहा है कि पतंजलि की योजना सोलर उपकरणों के उत्पादन में 100 करोड़ रुपये निवेश की है और ग्रेटर नोएडा में इसकी फैक्ट्री अगले कुछ महीनों के भीतर पूर्ण रूप से काम करना शुरू कर सकती है। इस साल की शुरूआत में ही पतंजलि ने नेविगेशन में मदद करने वाले उपकरण बनाने वाली कंपनी अडवांस नेविगेशन ऐंड सोलर टेक्नॉलजीज का अधिग्रहण किया। फिलहाल इस कंपनी की निर्माण क्षमता 120 मेगावॉट की है।

नए क्षेत्रों में निवेश

दिलचस्प बात यह है कि पतंजलि ऐसे नए क्षेत्रों में निवेश कर रही है, जिसमें उसकी अपनी अलग क्षमताओं से बड़ी मदद मिल सके। रामदेव की प्रेरक ब्रांड पावर पतंजलि की आय बढ़ाने में काफी मददगार हो सकती है। दूसरी तरफ, सरकार नवीकरणीय ऊर्जा के अपने उद्देश्यों को पूरा करना चाहती है, जबकि भारत में सौर ऊर्जा उद्योग आगे बढ़ने के लिए काफी संघर्ष कर रही है।

Updated : 6 Dec 2017 12:00 AM GMT
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