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वंशवाद से नहीं उबर पा रहे हैं राजनैतिक दल

भोपाल| परिवारवाद से दूर रहने का दावा करने वाले राजनैतिक दलों को प्रदेश में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ेगा। भारतीय जनता पार्टी की कार्यसमिति बैठक में वंशवाद की राजनीति को लेकर काफी चर्चा हुई थी, लेकिन पार्टी इन उपचुनावों में परिवारवाद की छाया से उबरती नजर नहीं आ रही है। कमोवेश यही स्थिति कांगे्रस में नजर आती है। प्रदेश में अटेर एवं बाधंवगढ़ में उपचुनाव की घोषणा हुई है। प्रारंभिक स्थिति में दोनों दलों के उम्मीदवारों के नाम परिवारवाद की संस्कृति से प्रेरित लगते है। कांगे्रस ने अटेर विधानसभा क्षेत्र में स्वर्गीय सत्यदेव कटारे के पुत्र हेमंत कटारे के नाम को आगे बढ़ाया है, वहीं दूसरी तरफ बांधवगढ़ में सांसद ज्ञान सिंह के पुत्र शिवनारायण सिंह लल्लू का नाम सामने आ रहा है।

प्रदेश में परिवारवाद की राजनीति को लेकर हाल ही में काफी मंथन हुआ है। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में परिवारवाद की राजनीति को बढ़ावा देने से दूर रहने की नसीहत संगठन ने दी थी। इसके बाद प्रदेश में होने वाले यह पहले उपचुनाव है, जिसमें परिवारवाद को नकारा जाना सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती होगा। वैसे भी दोनों दलों मे परिवारवाद जमकर फल-फूल रहा है। भारतीय जनता पार्टी में जहां एक तरफ वंशवाद के नाम पर नेताओं ने अपने पुत्रों और रिश्तेदारों को आगे बढ़ाया है, वहीं कांगे्रस भी इस मामले में पीछे नहीं रही।

भाजपा में अगर देखें तो कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी, कैलाश नारायण सांरग के पुत्र विश्वास सारंग, स्व. सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेन्द्र पटवा, स्व. गोविन्द नारायण सिंह के पुत्र हर्ष सिंह, बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर, स्व. ईश्वरदास रोहाणी के पुत्र अशोक रोहाणी, लक्ष्मी नारायण पांडे के पुत्र राजेन्द्र पांडे, वीरेन्द्र कुमार सखलेचा के ओमप्रकाश सखलेचा, स्व. दिलीप सिंह भूरिया की पुत्री निर्मला भूरिया, विक्रम वर्मा की पत्नी नीना वर्मा, स्व. लक्ष्मण गौड़ की पत्नी मालिनी गौड़, स्व. तुकोजीराव पंवार की पत्नी गायत्री राजे पंवार और हाल ही में हुए उपचुनाव में राजेन्द्र दादू की पुत्री मंजू दादू वंशवाद की राजनीति का ही परिणाम है।

वहीं दूसरी तरफ कांगे्रस में भी जमकर परिवारवाद है, स्व. माधवराव सिंधिया के पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुभाष यादव के पुत्र अरुण यादव, अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह, दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्द्धन सिंह, इन्द्रजीत पटेल के पुत्र कमलेश्वर पटेल, दलबीर सिंह की पुत्री हिमान्द्री सिंह, श्रीनिवास तिवारी के पुत्र सुंदरलाल तिवारी, सत्यनारायण पटेल के पुत्र अश्विन पटेल शामिल है। हाल ही में दो नाम और इस वंशवाद की सूची में शामिल किए जा सकते है। जिनमें सत्येन्द्र पाठक के पुत्र संजय पाठक और चौधरी राकेश सिंह के भाई मुकेश सिंह है। यह विगत दिनों कांगे्रस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए है।

Updated : 11 March 2017 12:00 AM GMT
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