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दागी अधिकारी को पदोन्नत कर थमा दी 10 हजार करोड़ की स्मार्ट सिटी परियोजना

भोपाल। मप्र शासन के लोकनिर्माण विभाग में आला अधिकारी आरके व्यास पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद उन्हें 10 हजार करोड़ की स्मार्ट सिटी का काम दे दिया गया है।

बताया जाता है कि व्यास पर तीन सौ करोड़ रुपए के खर्च करने के मामले में गड़बड़ी के आरोप हैं। इसके बाद भी उन्हें पदोन्नत करते हुए प्रमुख अभियंता (ईएनसी) बना दिया, जिसके बाद अब उनके पास व्यास के ईएनसी बनने का विरोध उनसे वरिष्ठ मुख्य अभियंता एके पांडे कर चुके हैं, अब यह मामला गहरा गया है। व्यास के पुराने मामले को लेकर फिर से चर्चाएं गर्म हो गई हैं कि आखिर में उन्होंने ऐसा क्या किया जिसकी वजह से नियमों को ताक पर रखकर उन्हें ईएनसी बना दिया गया?

पीडब्ल्यूडी से नगरीय प्रशासन विभाग में बतौर ईएनसी पदस्थ किए गए आरके व्यास को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दिए जाने की खबर है। अभी हालांकि वे इस कार्य को प्राथमिक तौर पर देखेंगे। व्यास के पास और भी कई प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी है।

नगरीय प्रशासन विभाग में स्मार्ट सिटी जैसे कार्य की जिम्मेदारी व्यास को देने पर अंदरूनी तौर पर घमासान मचा है। व्यास अगले दो साल में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इस दौरान तक स्मार्ट सिटी का काम पूरा नहीं हो सकता। इसके बावजूद उन्हें इस पद से क्यों नवाजा गया, इस पर अंदरूनी विरोध शुरू हो गया है।

जांच के पहले ही दे दी पदोन्नति
लोक निर्माण विभाग में मुख्य अभियंता से प्रमुख अभियंता बने आरके व्यास के खिलाफ प्रमुख सचिव ने 300 करोड़ रुपए की गड़बड़ी की जांच शुरू की थी। इस पर आगे कुछ हो पाता कि व्यास की पदोन्नति देकर ईएनसी बना दिया गया। पिछले वर्ष राज्य शासन ने पीडब्ल्यूडी के ईएनसी को एक पत्र भेजकर व्यास के खिलाफ 300 करोड़ रुपए की गड़बड़ी में जानकारी मांगी थी।

Updated : 22 March 2017 12:00 AM GMT
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