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ट्रांसफार्मर न बदले जाने के आरोप पर सदन में हंगामा

विपक्ष ने कहा, पहुंच वाले लोगों के यहां ही लगते हैं ट्रांसफार्मर

भोपाल| विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान आदिवासी क्षेत्रों में बिजली के ट्रांसफार्मर न बदले जाने को लेकर कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह और वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार के बीच तीखी नोंक-झोंक हो गई। गोविंद सिंह का आरोप था कि मंत्री व अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार परवान चढ़ रहा है। प्रश्नकाल में भाजपा विधायक पारूल साहू ने ट्रांसफार्मर का मामला उठाया।

श्री साहू ने कहा अनुदान स्वीकृत होने के बाद भी विभाग में प्रकरण लंबित हैं। उनके सवाल के दौरान चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि पहले अनुसूचित जाति और जनजाति के इस तरह के प्रकरणों के लिए जिलास्तर पर एक समिति होती थी जिसमें विधायक भी सदस्य होते थे। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि अब इस तरह की समिति अस्तित्व में क्यों नहीं है। इसी बीच कांगे्रस के गोविंद सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया कि जिन लोगों की पहुंच होती है सिर्फ उनके क्षेत्र में ही ट्रांसफार्मर लगते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों से मिलकर मंत्री भ्रष्टाचार कर रहे हैं और पैसा खा रहे हैं। गोविंद सिंह के आरोप पर वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने तीखी आपत्ति लेते हुए उनसे कहा कि वे सदन में कुछ भी अनर्गल बाते कह रहे हैं। उन्होंने अध्यक्ष से इसे सदन की कार्यवाही से विलोपित करने का आग्रह किया। इस पर गोविंद सिंह से उनकी बहस हो गई।

विधानसभा में स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि जोबट और अलीराजपुर के दो अलग-अलग छात्रावासों में सात सालों से पड़े लोहे के पलंग का मालिक कौन है? इसकी जानकारी सरकार को नहीं है। इस मामले में जिलाधीश को कहा गया है कि पलंग के मालिकों की जांच कराएं और अगर कोई मालिक सामने नहीं आता तो राजसात कर लिया जाए और छात्रों के लिए उपयोग में लाया जाए। प्रश्नोत्तर काल के दौरान मंत्री शाह ने यह बात विधायक माधव सिंह डाबर के सवाल के जवाब में कही। डाबर ने जोबट में बालिका छात्रावास तथा अलीराजपुर के छात्रावास में लोहे के पलंग खरीदने के मामले में भुगतान की जानकारी मांगी थी। मंत्री शाह ने कहा कि सात साल से पड़े पलंग कहां से आए, किसी को मालूम नहीं है। कोई रातोंरात रख गया है। भाजपा विधायक गिरीश गौतम ने आज प्रायवेट नर्सिंग होमों में चल रही मनमानी का मुद्दा विधानसभा में उठाते हुए आरोप लगाया कि उनके जिले रीवा के नर्सिंग होम स्लाटर हाऊस बन गए हैं और इलाज के नाम पर लोगों को खुलेआम लूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।

प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने रीवा के संजय गांधी अस्पताल का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यहां भी बिजली के बिलों में अनियमितता की जा रही है। गौतम का कहना था कि सरकार अस्पताल में इलाज न मिलने से लोग निजी अस्पतालों का रुख करते हैं पर निजी नर्सिंग होमों पर अंकुश न होने से ये स्लाटर हाऊस बन गए हैं। शिवपुरी जिले से विधायक शकुन्तला खटीक ने अनुसूचित कल्याण विभाग के बजट से होने वाले कामों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन कामों की मैंने अनुशंसा की थी उन्हें न करते हुए विभाग ने दूसरे काम कर दिए और जो काम किए हैं उन्हें मेरी अनुशंसा से जोड़ दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग में 15 प्रतिशत कमीशन देकर काम कराने का खेल चल रहा है। मंत्री लाल सिंह ने उन्हें भरोसा दिलाया कि पूरे मामले की 15 दिन में जांच करा लेंगे और दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी।

Updated : 23 March 2017 12:00 AM GMT
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