पर्चा लीक कराने वालों को सरकार का संरक्षण: गोविंद सिंह
भोपाल। प्रदेश में हो रहे शिक्षा के क्षेत्र में घोटाले और भ्रष्टाचार से छात्रों की नींव कमजोर हो रही है स्कूल से ही शिक्षा का स्तर सुधारने के लाखों दावे किए जाते हैं लेकिन हकीकत के सामने सभी दावे फैल हो रहे हैं बल्कि शिक्षा माफिया बेखौफ होकर प्रशासन को ही चुनौती दे रहे हैं प्रदेश भर में बोर्ड परीक्षा शुरू होने से पहले ही सरकार और शिक्षा विभाग ने नकल नहीं होने देने के दावे किये थे लेकिन स्थिति इसके उलट हैे बोर्ड परीक्षा के 10 वीं और 12 वीं के पेपर वाट्सएप पर वायरल हो रहे हैं।
कांग्रेस विधायक गोविन्द सिंह ने भी इस मामले में सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि प्रदेश में पेपर आउट करने वालों को सरकार का संरक्षण है। उन्होंने कहा कि व्यापमं की तरह पेपर आउट में भी एक बड़ा उद्योग बन गया है पहले प्रदेश में व्यापमं ने छात्रों का भविष्य खराब किया अब बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है और सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
दरअसल, मुरैना जिले में बुधवार को माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं की परीक्षा का हिंदी का पेपर परीक्षा से पहले ही वाट्सएप पर आ गया और छात्र केंद्र के बाहर मोबाइल में पेपर पड़ते दिखे बाद में वाट्सएप पर वायरल हो रहे पेपर का मिलान किया गया तो जांच में पेपर सही पाया गयो पेपर आउट हुआ था।
पेपर लीक होने का यह मामला पहला नहीं है दसवीं कक्षा के दो पेपर पहले ही वाट्सएप पर लीक हो गए थे जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया था। लेकिन मामले की जांच ही चलती रही ओर अब एक बार फिर नकल माफिया ने हिंदी का पेपर लीक कर प्रशासन को चुनौती दे डाली।