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कैग की रिपोर्ट: अंत्येष्टि एवं अनुग्रह भुगतान में भी घोटाला

मौत के फर्जी प्रमाण-पत्र लगाकर निकाला पैसा

भोपाल| घोटालों में अब तक का सबसे शर्मनाक घोटाला। गरीब लोगों की मृत्यु पर अंतिम संस्कार के लिए सरकार की ओर से मुहैया कराई जाने वाली नाममात्र की राशि में भी नौकरशाही ने घोटाला कर डाला। इस योजना के तहत 3 से 25 हजार तक सहायता दी जाती है। अधिकारियों ने फर्जी मौतों के आंकड़े दिखाकर 26 लाख रुपए निकाल लिए। योजना के तहत मजदूर की मृत्यु होने पर अंत्येष्टि के लिए तीन हजार व अनुग्रह सहायता राशि (45 वर्ष की आयु तक 75 व उसके बाद 60 वर्ष की आयु वालों तक को 25 हजार) दी जाती है, लेकिन इसमें भी मौत का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर पैसा निकालने व दस्तावेजों में हेरफेर करने के मामले सामने आए हैं।

26 फीसदी पुलिस कर्मी संतुष्ट नहीं
कैग ने अपने फीडबैक में पाया कि पुलिस महकमे में व्यवस्था को लेकर 26 प्रतिशत पुलिसकर्मी ही संतुष्ट हैं। पीटीएस इंदौर को भले ही पिछले दिनों देश के सर्वश्रेष्ठ ट्रेनिंग सेंटर का अवॉर्ड मिला हो पर रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2011 से 16 के बीच छह पुलिस प्रशिक्षण स्कूलों तथा दो अकादमियों में 17 हजार 785 को सिर्फ आधारभूत पाठयक्रमों में प्रशिक्षण दिया गया। इसमें भी उत्तीर्ण होने का प्रतिशत 2011-12 में जहां 85 फीसदी था, वहीं 2016 में 69 रह गया।

महिला पुलिसकर्मी सुरक्षित महसूस नहीं करतीं
पुलिस की जांच की गति को भी कैग ने धीमा बताते हुए लंबित जांच के मामले पांच साल में 85 प्रतिशत बढ़ना बताया है। पुलिस के पास पहले से ही 23 हजार 380 ऐसे मामले हैं, जिनमें जांच लंबित है। महिलाओं की सुरक्षा के दावे के विपरित महिला पुलिसकर्मी ही सुरक्षित नहीं हैं। यह बात महिला पुलिसकर्मियों ने कैग की टीम को बताई, जिसकी वजह थी थानों में महिलाओं के लिए अलग से शौचालय न होना। इस वजह से 48 महिला पुलिसकर्मियों ने असुरक्षित महसूस होने की बात कैग ने उन्हें बताई।

Updated : 27 March 2017 12:00 AM GMT
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