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हादसे से घबराये यात्री बोले मौत को करीब से देखा

झांसी। हम लोग तो गहरी नींद में सो रहे थे। तभी अचानक झटका लगा और चीख-पुकार मचने लगी। कोचों में धुआ भर गया। कुछ पल के लिये तो ऐसा लगा जैसे उनके सामने मौत खड़ी है। लेकिन देवी मां ने उन्हें बचा लिया। यह कहना है उन यात्रियों का जो दुर्घटनाग्रस्त महाकौशल एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे, और रात करीब ढाई बजे घटना के बाद जागे थे। उन्होंने यह भी स्वीकार कि प्रशासन के बेहतर सहयोग ने कोई परेशानी नहीं होने दी।

झांसी रेलवे स्टेशन पर पहुंची दुर्घटनाग्रस्त महाकौशल एक्सप्रेस में सफर करने वाले यात्री खौफजदा थे। रेलवे अधिकारी और आरपीएफ व रेलवे डॉक्टरों की टीम यात्रियों को उपचार देकर उन्हें समझाकर उनकी मदद करने में लगी हुई थी। ट्रेन में जबलपुर से मथुरा जा रहे देशराज का कहना था कि रात 2 बजकर 15 मिनट पर अचानक एक झटका लगा और हम लोग जाग गए। अभी कुछ समझ पाते कि ऐसा लगा जैसे सामने कोई जानवर आ गया हो और जोरदार ब्रेक मारा गया हो। ग्वालियर निवासी दिनेश शर्मा का कहना था कि वह मैहर मां के दर्शन करने गए थे। रात में अचानक घटी घटना ने उनकी नींद खोल दी। उन्होंने बताया कि वह एस-7 में सफर कर रहे थे। जब तक वह कुछ समझ पाते उनके पीछे के सभी कोच गायब हो चुके थे। घटना के 20 मिनट बाद ही राहत टीम आ पहुंची। और लोगों को घायल अवस्था में ले जाया गया।

प्रशासन की व्यवस्था प्रशंसनीय
सभी ने प्रशासनिक त्वरित कार्रवाई के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि रेल्वे तो छोडि़ए सूचना मिलते ही सबसे पहले सिविल पुलिस के साथ स्थानीय एसपी गौरव सिंह तुरंत घटना स्थल पर जमे रहे । यही नहीं घटना स्थल के बाद झांसी आने तक जगह-जगह यात्रियों को नास्ता और चाय का भी प्रबंध किया गया। झांसी स्टेशन पर यात्रियों के भोजन का भी प्रबंध किया गया।

डिब्बों में पहले से ही आ रही थी आवाज
जबलपुर से मथुरा जा रही एडवोकेट जयश्री मुखर्जी ने बताया कि डिब्बों में पहले से ही आवाजें आ रहीं थी। करीब ढाई बजे अचानक झटका लगा। ऐसा लगा कोई भारी चीज आगे टकरा गई है। और जोर से ब्रेक लगाया गया है। लेकिन बाद में पता चला कि पीछे के कोच अलग हो गए हैं। किसी तरह लोगों को बचाया गया। मेरे हाथ में भी खरोच आई।

शीशे तोडक़र निकाला
ट्रेन में सफर कर रहे देशराज का कहना है कि ट्रेन पलटने के बाद जब बाहरडिब्बे से उतरकर देखा तो कई कोच पलटे हुए थे। पहिए टूटकर काफी दूर पड़े हुए थे।
ऐसी कोच में सफर करने वाले करीब 8 यात्री फंसे हुए थे जो बाहर निकलने के लिये हाथ पैर चला रहे थे। लेकिन नहीं निकल पा रहे। यह देख उन्होंने अपने साथी और अन्य यात्रियों की मदद से कोच के शीशे तोड़े और उन्हें ऐसी कोच में फंसे यात्रियों को बाहर निकाला। इस दौरान कई यात्री घायल हो गये। उन्होंने कहा कि कुछ तो बेहोश हो गये थे।

देवी मां ने बचाया
मुरैना निवासी हरिओम अग्रवाल, दिल्ली निवासी मनीष, और कलकत्ता निवासी उमेश अग्रवाल की मानें तो यह सब देवी मां की कृपा थी, जो सभी बच गए। उन्होंने कहा कि हादसा तो कानपुर से कमजोर नहीं था, लेकिन टेऊन में अधिकांश श्रृद्धालु मैहर की शारदा भवानी के दर्शन कर लौट रहे थे। इसलिए किसी को विशेष परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।

Updated : 31 March 2017 12:00 AM GMT
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