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एशिया में गूंजेगा बेटी बचाओ

आगरा। एशिया के सबसे बडे इंडियन सोसायटी फॉर असस्टिड रिप्रोडेक्शन (इसार) के 22 वें अधिवेशन में निसंतान दंपति मुस्कुरा सकें, इसके लिए देश विदेश के डॉक्टर बांझपन के कारण, उसके बचाव और बदलते दौर की समस्याओं के हिसाब से इलाज पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढाओ के संदेश को अधिवेशन का प्रतीक चिन्ह रखा गया है, जिससे यह एशिया के देशों तक पहुंच सके।

रेनबो हॉस्पीटल के निदेशक डॉ नरेंद्र मल्होत्रा (प्रेसीडेंट इसार) डॉ प्रकाश त्रिवेदी सचिव, चेयरपर्सन डॉ मनिंदर आहूजा, डॉ जयदीप मल्होत्रा प्रेसीडेंट एशिया पेसिफिक इनीशिएटिव ऑन रिप्रोडक्शन ने बताया कि 21 से 23 अप्रैल तक गुडगांव के होटल हयात रिजेंसी में अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है। 21 अप्रैल को हरियाणा के स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज करेंगे। इसमें देश विदेश के दो हजार चिकित्सक शामिल होंगे। आयोजन की चेयरपर्सन डॉ पूनम लूम्बा, सचिव डॉ. ज्योति गुप्ता, सह सचिव डॉ. ज्योति मलिक ने बताया कि निसंतान दंपतियों की संख्या एशिया के देशों में तेजी से बढ़ रही है। मोबाइल फोन और लैपटॉप के इस्तेमाल, टाइट कपड़े पहनना, एल्कोहल का सेवन और अत्यधिक तनाव से शुक्राणुओं की ही नहीं अंडाणुओं की संख्या भी कम हो रही है। यह भी बांझपन का एक बडा कारण देखने को मिल रहा है। मगर, अब इसका इलाज भी संभव है। शुक्राणुओं को लैब में प्रिजर्व कर सालों तक रखा जा सकता है। वहीं, अंडाणु और भ्रूण को भी लैब में प्रिजर्व कर रख सकते हैं। इन्ट्रा यूटरिन फर्टिलाइजेशन (आईयूआई) इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) इन्ट्रा साइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (इक्सी) से लेकर एग और स्पर्म डोनेशन, सरोगेसी पर देश विदेश के चिकित्सक तीन दिन तक मंथन करेंगे।

अधिवेशन में आर्थिक रूप से कमजोर दंपति के घर भी किलकारी गूंज सके, इसके लिए बांझपन के इलाज को सस्ते करने पर भी चर्चा की जाएगी।

Updated : 19 April 2017 12:00 AM GMT
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