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जवाहर बाग कांड में एक और खुलासा

डीएनए परीक्षण में बेटों का डीएनए मिलान नहीं होने से बढ़ी पुलिस की मुश्किलें, बेटे ने किया रामवृक्ष को जिन्दा पकडऩे का दावा


मथुरा। रामवृक्ष यादव जिन्दा है या मर गया, अब यह प्रश्न सीबीआई के लिए चुनौती बनकर खड़ा हो गया। जवाहर कांड के सूत्रधार रामवृक्ष की मौत की दावा करने वाली पुलिस अब बैकफुट पर है। उधर रामवृक्ष के बेटे का डीएनए मिलान नही होने पर पुलिस की पहले से ही फजीहत हो रही है। इस बीच उसके बेटे ने पेशी का ऐलान मीडिया से रूबरू होकर पिता को जीवित पकडऩे का दाबा किया।

जवाहर कांड मे तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और थानाध्यक्ष फरह रहे संतोष कुमार यादव को रामवृक्ष यादव ने अपनी सेना के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया था और दर्जनों पुलिस एवं पीएसी के जवानों को गोली मारकर तथा लाठी-डंडो से मारपीट कर गंभीर घायल कर दिया था। उस दौरान पुलिस की रामवृक्ष की सेना से हुई गोलीबारी के दौरान आग मे जलकर रामवृक्ष सहित उसके 27 लोग मारे गए थे।
भाजपा नेता अश्वनी उपाध्याय की रिट पर हाईकोर्ट ने पुलिस के दावों पर यकीन न करते हुए रामवृक्ष यादव के मारे जाने की पुष्टि के लिए वैज्ञानिक प्रयोग के आदेश दिए थे। इसके बाद नाटकीय तरीके से रामवृक्ष के बेटे विवेक यादव और राजनारायण पुलिस के सामने प्रकट हो गए थे। पुलिस ने रामवृक्ष के दोनों बेटों का डीएनए लेकर आगरा और लखनऊ की प्रयोगशाला के लिए भेजा था लेकिन वहां पहले चरण की रिपोर्ट में रामवृक्ष का डीएनए उसके दोनों बेटों के डीएनए से मैच नही हुआ था। इसके बाद हैदराबाद की प्रयोगशाला मे भी रामवृक्ष का डीएनए उसके पुत्रों के डीएनए से मिलान नही हो सका है।

मंगलवार को विवेक यादव जेल से सीजेएम के न्यायालय में पेश हुआ। न्यायालय में पेशी के दौरान रामवृक्ष यादव के बेटे विवेक यादव ने सनसनी खेज खुलासा करते हुए कहा कि विगत 2 जून को जवाहर बाग कांड के दौरान वह और उसका पिता रामवृक्ष पुलिस लाइन ग्राउंड की ओर से भाग रहे थे। उसी दौरान आगे से आयी पुलिस ने उसके पिता को जिन्दा पकड़ा था और वह उस दौरान वापस जवाहर बाग की ओर लौट गया था तथा बाद में वह वहां से फरार होने में कामयाब हो गया था। उसने कहा कि उसके पिता को पुलिस ने जिन्दा पकड़ा था। बाद मे उसके पिता के साथ पुलिस ने क्या किया। यह तो उस समय तैनात रहे अधिकारी और पुलिसकर्मी ही जानते है।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस ने जवाहर कांड के दो दिन बाद रामवृक्ष के मारे जाने की पुष्टि की लेकिन पुलिस ने जिस व्यक्ति का डीएनए रामवृक्ष का कहते हुए प्रयोगशाला भेजा है और वह उसके बेटों के डीएनए से मिलान नही हो रहा है तो जिस डीएनए को पुलिस रामवृक्ष का होने का दावा कर रही है, आखिर वह व्यक्ति कौन था। इस सवाल का जबाव पुलिस के पास भी नही है। कोर्ट मे पेषी के दौरान रामवृक्ष के बेटे विवेक ने एक और खुलासा किया तो जवाहर बाग कांड के दौरान मौजूद रहे पुलिस के अधिकारियों मे बेचैनी साफ देखने को मिल रही है। अगर डीएनए का मिलान नही हो सका तो वह हाईकोर्ट को क्या जबाव देंगे। दूसरी ओर डीएनए का मिलान करने वाली आगरा और लखनऊ की प्रयोगशाला ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया है कि कैमीकल खत्म होने के कारण रामवृक्ष के डीएनए को मिलान होने की सम्पूर्ण प्रक्रिया पूरी नही हो सकी है।

जब डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट और रामवृक्ष के बेटे विवेक के आरोपो के मामले में एसएसपी से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि न्यायलय के आदेश पर सीबीआई मामले की जांच कर रही है। बेहतर जानकारी सीबीआई ही दे पायेगी। पेशी पर आये विवेक की जमानत के लिये अधिवक्ता एलके गौतम ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया तो वहीं सीबीआई टीम ने जमानत का विरोध करते हुए कस्टडी रिमांड की प्रार्थना की।

Updated : 19 April 2017 12:00 AM GMT
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