Home > Archived > सेवा की विश्वसनीयता के लिए निरंतर करें आत्म विश्लेषण: मुख्यमंत्री

सेवा की विश्वसनीयता के लिए निरंतर करें आत्म विश्लेषण: मुख्यमंत्री

सेवा की विश्वसनीयता के लिए निरंतर करें आत्म विश्लेषण: मुख्यमंत्री
X

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सिविल सर्विस की विश्वसनीयता एवं प्रतिष्ठा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिये निरंतर आत्मविश्लेषण की प्रक्रिया चलती रहे। प्रदेश में प्रशासनिक सुधारों के लिए मंथन की प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने यह बात गुरुवार को राजधानी भोपाल स्थित प्रशासनिक अकादमी में सिविल सर्विस-डे के अवसर पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था को बनाए रखने में सिविल सेवा का योगदान महत्वपूर्ण है। उपलब्धियां बहुत है। अवसर आत्म विश्लेषण का है। जनहित में और बेहतर कैसे किया जा सकता है इस पर चिंतन की आवश्यकता है। फैसले तेजी से, ताकत से लिए जाएं। उनके लाभ अंतिम कड़ी तक पहुंच जाए। प्रक्रियाओं के निर्माण में उनके जमीनी क्रियान्वयन पर भी ध्यान दिया जाए। पात्र व्यक्ति को समय पर, बिना भागदौड़ के सरकार की योजनाओं का लाभ मिले। उन्होंने सुशासन के प्रयासों की बेहतर मॉनीटरिंग और मानवीय सोच के साथ कार्य की जरूरत बताई। ऐतिहासिक संदर्भों का उल्लेख करते हुये कहा कि अब सिविल सेवा शासन, नहीं जनता की सेवा है। सुविधाएं, विशिष्टताएं सब उनके कल्याण के प्रयासों के लिए ही है। गरीबों के हित पर फोकस करते हुये आउट ऑफ बॉक्स थिंकिंग जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने भगवद् गीता के श्लोक का संदर्भ देते हुए कहा कि सात्विक कार्यकर्ता की विशिष्टताओं का निरंतर स्मरण करते रहें। इससे जीवन और बेहतर होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि लोक सेवक पर प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता की जवाबदारी है। सिविल सर्वेंट अपनी प्रतिभा, क्षमता और परिश्रम का सर्वश्रेष्ठ उपयोग जनसेवा में करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपनी टीम के सदस्यों को बेहतर से बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करें। सफलताओं का श्रेय उन्हें दें। हर विभाग उत्कृष्ट कार्य करने वालों को पुरस्कृत करने की योजना बनाएं। उन्होंने अंर्तविभागीय समन्वय, सुशासन प्रयासों की प्रभावी मॉनीटरिंग, फाइल ट्रेकिंग सिस्टम को प्रभावी बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा को अपने देश, समाज और लोगों के लिए कुछ करने का अवसर मानना चाहिये। उन्होंने सिविल सेवा के ध्येय वाक्य का स्मरण कराते हुये कहा कि हर लोक सेवक उस पर अमल करे तो व्यवस्था बेहतर बनाने का काम बहुत आसान हो जायेगा। उन्होंने कार्यशाला के आयोजन और विषयों को समसामयिक और अत्यंत उपयोगी बताया।

उन्होंने आनंद विभाग द्वारा निर्मित कैलेण्डर की सराहना करते हुए प्रत्येक अधिकारी को अपने घर में रखने के लिए कहा। बताया कि वे स्वयं प्रधानमंत्री मोदी को दिल्ली में कैलेण्डर भेंट करेंगे। कार्यशाला में बारहसिंगा कन्जर्वेशन एट कान्हा पुस्तक का विमोचन किया।

मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने कार्यशाला की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस का आनंद विभाग की संकल्पना और संयोजन पर, अपर महानिदेशक पुलिस अन्वेष मंगलम का सीसीटीवी की उपयोगिता पर, सचिव मुख्यमंत्री हरिरंजन राव का सीएम हेल्पलाइन पर, संभागायुक्त इंदौर संजय दुबे का अंगदान पर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी जितेन्द्र अग्रवाल का वन एवं वन्य प्राणी नवाचार पर और अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सूचना प्रौद्योगिकी अनुराग श्रीवास्तव का वन राजस्व भूमि विवाद पर प्रस्तुतिकरण रखा गया है।

Updated : 20 April 2017 12:00 AM GMT
Next Story
Top