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आगरा में भी होगा रिवरफ्रं ट डवलपमेंट

चीनी का रोजा से लेकर ग्यारह सीढ़ी तक होगा सौन्दर्यीकरण

आगरा। गुजरात की साबरमती और लखनऊ की गोमती की तरह आगरा में भी रिवरफ्रंट डवलपमेंट होगा। संरक्षित स्मारक चीनी का रोजा से लेकर ग्यारह सीढ़ी तक नदी किनारे काम कर उसे सुंदर बनाया जाएगा। लोगों की सुविधा को पार्किंग व प्रसाधन भी बनाए जाएंगे।

विश्व बैंक सहायतित प्रो-पुअर टूरिज्म प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में यह काम होगा। इसके लिए कलक्ट्रेट सभागार में गुरुवार दोपहर एएनबी कंसल्टेंट द्वारा प्रेजेंटेशन दिया गया। आर्किटेक्ट आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि चीनी का रोजा से लेकर ग्यारह सीढ़ी तक का सर्वे किया गया है। यहां सड़क किनारे बनी बस्तिया, घर, नजूल की जमीन है। आबादी को पुनर्वासित करना पड़ेगा। इसलिए इस जगह को छोड़कर यमुना किनारे का विकास किया जाएगा। जिलाधिकारी गौरव दयाल ने रिवरफ्रंट डवलपमेंट में स्थान देखकर पार्किंग व प्रसाधन की व्यवस्था करने को कहा। कंसल्टेंट कंपनी ने रबड़ चेकडैम के निर्माण की बात भी रखी। सिंचाई विभाग इसके लिए पहले से प्रयास कर रहा है। कंपनी ने कुछ हिस्सों में सर्वे को जल निगम, सिंचाई विभाग व नगर निगम से डाटा की जरूरत बताई। जिलाधिकारी ने इसके लिए लिखित में आवेदन करने को कहा। इस दौरान उपनिदेशक पर्यटन दिनेश कुमार, सीओ ताज सुरक्षा प्रभात कुमार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सिंचाई विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

आसान नहीं काम
रिवरफ्रंट डवलपमेंट का काम आसान नहीं होगा। बैठक में अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. भुवन विक्रम ने कहा कि रिवर बेड में काम करने को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल अनुमति नहीं देगा। बेहतर होगा कि उसके बाहर के क्षेत्र में काम किया जाए।
मुगल काल में बने थे उद्यान
मुगल काल में यमुना के दोनों ओर उद्यान बने हुए थे। लेखिका ईवा कोच ने अपनी किताब श्द कंप्लीट ताजमहल एंड द रिवरफ्रंट गार्डस ऑफ आगराश् में इनका जिक्र किया है। वर्तमान में यहां एएसआइ द्वारा संरक्षित स्मारकों को छोड़ दें तो उद्यानों का अस्तित्व मिट चुका है।

यहां नहीं हो सकेगा काम
ग्यारह सीढ़ी से आगे यमुना का पाट केवल 300 मीटर चौड़ा है। इससे ताज के पाश्र्व व मेहताब बाग के पास रिवरफ्रंट डवलपमेंट का काम नहीं हो सकेगा। कंपनी ने नदी के करीब 400 मीटर चौड़े पाट के हिस्से में रिवरफ्रंट डवलपमेंट का प्रस्ताव बनाया है।

Updated : 28 April 2017 12:00 AM GMT
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