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के.डी. हॉस्पिटल में युवक के फेफड़े से निकाले गये खून के थक्के

मथुरा। केडी मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के शल्य चिकित्सक डा. श्याम बिहारी शर्मा और डा. संजय चौधरी की टीम ने ऑपरेशन द्वारा कोसीकलां निवासी मनीष अग्रवाल (30) के फेफड़े में जमे खून के थक्के निकालने में सफलता हासिल की है। यह ऑपरेशन लगभग तीन घण्टे चला। मनीष अब पूरी तरह से स्वस्थ है।

कोसीकलां निवासी मनीष अग्रवाल को सड़क दुर्घटना में चोट लगने के कारण फेफड़े में खराबी आ गई थी और उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी। कई चिकित्सकों से उपचार कराने के बाद भी जब उसे कोई फायदा नहीं मिला तब वह केडी हॉस्पिटल में डा. संजय चौधरी से सम्पर्क किया। दुर्घटना में चोट लगने के कारण मनीष के फेफड़े में खून के थक्के जमा हो गए थे। जो इंटर कोस्टल ट्यूब डालने के बावजूद नहीं निकल सके।

डा. संजय चौधरी ने डा. श्याम बिहारी शर्मा से परामर्श लिया क्योंकि वह ऐसे ऑपरेशनों में सिद्धहस्त माने जाते हैं। मनीष का चेस्ट एक्सरे, चेस्ट सीटी स्केन कराने के बाद पता चला कि उसके फेफड़े के आसपास खून के थक्के जमा हैं जिससे बाएं फेफड़े का निचला हिस्सा खराब हो गया है, जिसका उपचार मात्र ऑपरेशन है। डा. श्याम बिहारी शर्मा ने डा. संजय चौधरी, निश्चेतना विशेषज्ञ डा. मंजू सक्सेना, डा. सोनी जसूजा और ओटी स्टाफ के सहयोग से लगभग तीन घण्टे चले ऑपरेशन के बाद मनीष के खराब फेफड़े के हिस्से और खून के थक्के निकाल दिए। अब मनीष पूरी तरह से स्वस्थ है तथा उसका बायां फेफड़ा अच्छी तरह से काम कर रहा है। उसे सांस लेने में भी कोई तकलीफ नहीं है।

डा. शर्मा का कहना है कि शरीर में खून का थक्का जमने और उसके घुलने की प्रक्रिया सहज रूप में चलती रहती है। खून का थक्का जमने से खून का बहना रुक जाता है। चोट ठीक होने पर यह थक्के घुल भी जाते हैं, पर जब इस प्रक्रिया में अड़चन आती है तो खून का थक्का बना ही रह जाता है। लम्बे समय तक उपचार न होने से यह गम्भीर रोगों का रूप भी ले लेता है। जब फेफड़े या दिल में रक्त का थक्का जमता है तो इसके लक्षण दिल का दौरा पडऩे के समान ही होते हैं। छाती वाले हिस्से में दर्द होता है, सांस लेने में दिक्कत होती है तथा जबड़े और गर्दन में भी दर्द का अनुभव होता है। पीठ और बांह में भी दर्द हो सकता है। दिल में थक्का बनना दौरा पडऩे का कारण बन सकता है।
आरके एजूकेशन हब के चेयरमैन डा. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल और कालेज की प्राचार्य डा. मंजुला बाई केएच ने सफल ऑपरेशन के लिए डाक्टरों की टीम को बधाई दी है। मनीष के परिजनों ने भी डाक्टरों का आभार माना है।

Updated : 28 April 2017 12:00 AM GMT
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