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मोती को भारतीय साहित्य में विशिष्टि स्थान प्राप्त

मोती को भारतीय साहित्य में विशिष्टि स्थान प्राप्त
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आजकल बाजारों में नकली मोती मिलते है, इसलिए इनकी खरीदी में सावधानी बरतना चाहिए। यदि नकली या दोषपूर्ण मोती धारण कर लिया जाए तो इसका प्रभाव अशुभ हो सकता है। इसलिए मोती खरीदते समय शुद्धता, वास्तविकता और निर्दोषता को अच्छी तरह से जांच ले।

असली मोती की पहचान
जो मोती अधिक भारी हो, उसे धन मुक्तक कहते है, जबकि रश्मि पूंज उत्पन्न करने वाले मोती को सुतार कहा जाता है। रेखाओं से रहित मोती को अस्फुटित कहते है जबकि पूर्णतया गोल मोती को सुवृत्त कहा जाता है। चिकने मोती को स्निग्ध मोती व और जिस मोती की छाया स्पष्ट रूप से दिखाई दे उसे सुधा मोती के रूप में माना जाता है।

Updated : 30 April 2017 12:00 AM GMT
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