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जीएलए पॉलीटेक्निक के शिक्षकों ने जानी नई तकनीकें

मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय का पॉलीटेक्निक संस्थान न केवल छात्रों बल्कि शिक्षकों के विकास के लिए भी अग्रणी रहता है। इसके लिए शिक्षकों को विभिन्न जगहों पर आयोजित होने वाली नेशनल तथा इंटरनेशनल कार्यशालाओं, काफ्रेंस में भाग लेने के लिए भेजा जाता है।

शिक्षक रामपाल सिंह ने एनआईटी, सूरत (गुजरात) में बेसिक एण्ड डवलपमेंट इन रेफ्रीजरेशन एण्ड एअरकन्डिशनिंग विषय पर आधारित कार्यशाला में भाग लिया। उन्होंने रेफ्रीजरेशन की नई तकनीकों थर्मोंकास्टिंग रफ्रीजरेशन, जिओथर्मल रफ्रीजरेशन व वीआरएफ विषयों की बारीकियों को समझा व मानव विकास के क्षेत्र में इन तकनीकों के प्रयोग को जाना।

शिक्षक भूपेन्द्र सिंह सारस्वत ने एमएनआईटी इलाहाबाद में आयोजित कार्यशाला में भाग लिया। अल्टरनेटिव सोर्स ऑफ एनर्जी कोर सस्टेनेवल डवलपमेंट पर आयोजित कार्यशाला में उन्होंने सोलर एनर्जी, बायोमॉस एनर्जी, बायोमास व विन्ड एनर्जी व थर्मल एनर्जी के उपयोगों को समझा।

शिक्षक मधुकर दिन्मल ने संत लौंगवाल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी, पंजाब में एमईटी विषय पर आधारित कार्यशाला में फाइनाइट एलीमेण्ट मैथड, बायोग्राफ मॉडलिंग ऑफ रोबोट व डिसीज मौकिंग इन मैन्यूफैक्चरिंग इनवायरमेंट विषयों पर जानकारी हासिल की।

शिक्षक महेन्द्र कुमार साहनी ने मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट, गोरखपुर में आयोजित इमर्जिंग ट्रेन्ड्स इन मेटेरियल साइंस विषय पर कार्यशाला में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न प्रकार के मेटेरियल्स की सरफेस स्टडी, चुम्बकीय गुण, एक्स-रे डिपरेक्शन, ऑप्टीकलगुण व थर्मल एनालिसिस संपन्न की। विभिन्न इंस्टीट्यूट की कार्यशालाओं से लौटकर शिक्षकों ने छात्रों को अपना ज्ञान बांटा।

पॉलीटैक्निक सिविल में हुआ अतिथि व्याख्यान
जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा पॉलीटेक्निक संस्थान के सिविल विभाग में अतिथि व्याख्यान का आयोजन हुआ। भारतीय रेलवे में सेवारत एइ सुरेश शर्मा ने सिविल विभाग के छात्रों को इंजीनियरिंग में उपयोग होने वाले विशेष प्रकार के उपकरणों, रेलवे टैऊक ड्राइंग व रेलवे टैऊक में प्रयोग होने वाले भागों जैसे कि फिस प्लेट, फास्नींग्स, पैनड्रॉल क्लिप्स, इस्पेण्डल आदि के बारे में जानकारी प्रदान की। साथ ही उन्होंने रेलवे में सिविल इंजीनियरिंग के लिए तकनीकी पदों पर होने वाली नियुक्तियों की कार्यप्रणाली एवं उनकी उपयोगिता से संबंधित छात्रों से रूबरू हुए। उन्होंने अपने कार्य समय के अनुभवों को छात्रों से साझा किया और छात्रों को भविष्य में बेहतर इंजीनियर बनने के लिए प्रोत्साहित किया। संस्थान के प्रधानाचार्य डॉ. दिवाकर भारद्वाज, डॉ. विकास शर्मा एवं प्रोग्राम कॉर्डिनेटर प्रवेश तिवारी व संजय अग्रवाल और समस्त शिक्षकगण उपस्थित रहे। सुरेश शर्मा को धन्यवाद ज्ञापित किया।

Updated : 11 May 2017 12:00 AM GMT
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