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प्रथम पांच अध्यापकों व 37 छात्रों से आरंभ हुआ

68 वर्षों की गाथा संजोये, आभा बिखेरता बुन्देलखण्ड महाविद्यालय दीक्षांत समारोह 28 को
झांसी। स्वतंत्रता प्राप्ति के तत्काल उपरांत बुन्देलखण्ड क्षेत्र के प्रथम उच्च शिक्षा संस्थान, बुन्देलखण्ड कालेज की स्थापना सन् 1949 में झांसी नगर के समाजसेवियों के द्वारा की गयी थी। तब से क्षेत्र में 300 से ज्यादा महाविद्यालयों की उपस्थिति के बावजूद अपने गरिमामयी ज्ञानप्रकाश प्रेषण के कारण महाविद्यालय आज भी अग्रणी पंक्ति में उपस्थिति बनाये हुये है। कला संकाय के पांच विषयों से प्रारंभ हुआ महाविद्यालय आज विधि, वाणिज्य, कला एवं शिक्षण संकाय में उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान कर रहा है।

यहां पर सात विषयों में परास्नातक हिन्दी, अंग्रेजी, राजनीतिशास्त्र, इतिहास, अर्थशास्त्र, वाणिज्य और गणित की कक्षाएं संचालित हैं। महान क्रांतिकारी डा. भगवानदास माहौर, संविधान विशेषज्ञ शेर सिंह कोठारी एवं बुन्देलखण्ड इतिहास के एकमात्र विशेषज्ञ इतिहासकार डा. बी.डी. गुप्ता जैसे महान अध्यापकों की प्रेरणाएं इस महाविद्यालय को प्राप्त होती रही हैं। पांच अध्यापकों एवं 37 छात्रों से प्रारंभ हुए बुन्देलखण्ड कालेज में आज 27 अध्यापक (51 पद रिक्त) और लगभग 4000 छात्र जुड़े हुए हैं। महाविद्यालय को प्रारंभ से ही 2 एफ एवं 12बी की मान्यता यूजीसी से प्राप्त है। सन 2012-13 में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद नैक से उच्च ग्रेड बी प्राप्त करने वाला बुन्देलखण्ड क्षेत्र का प्रथम महाविद्यालय है तथा साथ ही विधि स्नातक की मान्यता बार काउंसिल ऑफ इंडिया से एवं बीएड व एमएड की मान्यता एनसीटीई से प्राप्त है। महाविद्यालय बुन्देलखण्ड कालेज समिति के द्वारा संचालित सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय है। महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक या तो यूजीसी नेट परीक्षा पास हैं या पीएचडी डिग्रीधारक हैं।

सभी प्राध्यापकों ने शोध संगोष्ठियों, वर्कशाप, रिफ्रेशर, ओरिएन्टेशन कोर्स में भाग लेकर शोध पत्र पढ़े एवं सम्मानित शोध पत्रिकाओं में शोध लेख प्रकाशित करवाए। वर्तमान में डिजिटल पुस्तकालय की व्यवस्था भी कर ली गयी है। यूजीसी की सहायता से परिसर में स्वर्ण जयंती सभागार की स्थापना की गयी है एवं भारत सरकार के स्वच्छता मिशन के अनुरूप महाविद्यालय परिसर को एक स्वच्छ वातावरण प्रदान किया गया है। नकलविहीन परीक्षा में हमने शत-प्रतिशत सफलता अर्जित कर ली है और शासन के निर्देशानुसार छात्रसंघ चुनाव कराने में सफल रहे हैं। अनुशासनहीनता एवं रैगिग की एक भी शिकायत न आना हमारे अनुशासन समिति की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

बुन्देलखण्ड महाविद्यालय छात्रों के सर्वांगीण विकास, स्तरीय अध्यापन, उच्च स्तरीय व डिजिटल पुस्तकालय, खेलकूद की सुविधाएं, एनसीसी, राष्ट्रीय सेवा योजना, रोवर्स रेन्जर्स आदि सुविधाओं के कारण छात्रों के आर्कषण का प्रमुख कारण रहा है। यही कारण है कि निर्धारित सीटों के सापेक्ष लगभग पांच गुना छात्र प्रवेश हेतु प्रतिवर्ष आवेदन करते हैं। कुल छात्र संख्या में से 65 प्रतिशत छात्र पिछड़ा, अनुसूचित जाति वर्ग से 10 प्रतिशत अल्पसंख्यक एवं कुल छात्रों में से 45 प्रतिशत छात्राएं हैं और इस प्रकार महाविद्यालय सामाजिक न्याय के मापदण्डों पर खरा उतरता है।

छात्रों को छात्रवृत्ति, शुल्क मुक्ति, निर्धन छात्र सहायता, पुस्तकों आदि की सहायता प्रदान की जाती है। बुन्देलखण्ड महाविद्यालय परिसर तीन प्रमुख खण्डों में स्थित है-मुख्य परिसर, प्रशासनिक भवन (पुराना छात्रावास) एवं अध्यापक व कर्मचारी आवास परिसर। मुख्य परिसर शिक्षण एवं परीक्षा संचालन हेतु प्रयोग किया जाता है। अध्यापन कक्षाओं में एक साथ लगभग 2000 छात्र बैठ सकते हैं। भूगोल, मनोविज्ञान, बीएड की सुसज्जित प्रयोगशाला हैं। विधि छात्रों के लिए मूट कोर्ट कक्ष है। विशाल कम्प्यूटर लैब, एनसीसी, एनएसएस, रोवर्स-रेन्जर्स के भवन, इन्डोर गेम्स हेतु कोठारी हाल, विशाल खेल का मैदान व शैक्षणिक सम्मेलनों हेतु स्वर्ण जयंती हाल मुख्य परिसर में स्थित हैं। महाविद्यालय में इन्टरनेट की सुविधा सभी के लिए उपलब्ध है। महाविद्यालय के पास दो बड़े जनरेटर, दो वाटर कूलर, दो बड़े कुएं, विशाल ओवर हेड टैंक, 30 से अधिक शौचालय, पांच बोर पम्प, नौ शिक्षक आवास, दो गेस्ट हाउस, चार कर्मचारी आवास, चार छोटे-बड़े पार्क एवं वाटर रिचार्जिंग व्यवस्था उपलब्ध है। बुन्देलखण्ड महाविद्यालय सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय है जिसकी आय के स्त्रो छात्रों से प्राप्त शुल्क, वेतन हेतु वेतन संदाय तथा यूजीसी से प्राप्त अनुदान है। महाविद्यालय के 68 साल के लंबे सफर में अनेक छात्र-छात्राएं न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता, प्रशासनिक अधिकारी, प्रोफेसर, शिक्षक, चार्टर्ड एकाउंटेण्ट, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, रेलवे, सेना, पुलिस, विधायक, सांसद व मंत्री आदि पदों पर आसीन हैं। सभी पूर्व व वर्तमान छात्रों के मन में यह उत्कट लालसा रही है कि उनको उपाधि दीक्षांत समारोह में प्रदान की जाएं। अत: इस कार्य हेतु प्रबंधतंत्र, प्राध्यापकगण एवं कर्मचारीगण ने संयुक्त रुप से निर्णय लेकर 28 मई 2017 को महाविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया है। प्रस्तावित प्रथम दीक्षांत समारोह में हम अभिभावकों यहां के नागरिकोंं एवं पत्रकार बंधुओं, व्यापारियों, बुद्धजीवियों एवं जनप्रतिनिधियों के सहयोग की अपेक्षा करते हैं।

बुन्देलखण्ड कालेज के प्रथम दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कुलपति बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी, मुख्य अतिथि स्वतंत्रदेव सिंह राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार परिवहन, उ.प्र. सरकार, कुलसचिव प्रबंध कार्यकारिणी 2015-16 सत्र में उत्तीर्ण छात्र, समस्त शिक्षक व कर्मचारीगण तथा नगर के समस्त संभ्रांत व्यक्ति सम्मिलित होंगे।

Updated : 11 May 2017 12:00 AM GMT
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