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पंचायत सचिव काम पर नहीं लौटे तो होगी कार्रवाई

भोपाल ब्यूरो। पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को आंदोलन पर डटे पंचायतों सचिवों को राज्य सरकार ने चेतावनी दी है कि यदि वे 3 मई तक काम पर नहीं लौटे तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के एसीएस राधेश्याम जुलानिया ने हड़ताली पंचायत सचिव को काम पर लौटने के लिए दो दिन की मोहलत दी है।

बावजूद इसके विभाग को जनपद पंचायतों से मिली जानकारी के अनुसार दो सौ जनपद पंचायतों के 15 हजार 263 पंचायत सचिव काम पर नहीं लौटे हैं। बावजूद इसके पंचायत सचिवों ने अपनी मांगों को लेकर विधानसभा के घेराव का ऐलान किया है। इसके पहले आंदोलन रत पंचायत सचिव पंचायत एवं विकास मंत्री गोपाल भार्गव से मिलकर अपनी गुहार करेंगे।

एक हजार करोड़ की एफडीआर रखने वाली राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की कुलपति की कुर्सी पर राजभवन अयोग्य उम्मीदवार बैठाने की तैयारी कर रहा है। दरअसल, कुलपति के विज्ञापन में आवेदक से अनुभव की दरकार नहीं की गई थी। पूर्व की सर्च कमेटी ने कुलपति के उम्मीदवारों के आवेदनों की कांटछांट की, लेकिन उन्हें योग्य उम्मीदवार नहीं मिले। कमेटी असमंजस में थी कि आवेदक को अनुभव के आधार पर कितने अंक दें। इसलिए जैसे तैसे उन्होंने 60 बायोडाटा में तीन नामों का चयन किया और राज्यपाल को स्पष्ट कर दिया कि बायोडाटा में उम्मीदवार योग्य नहीं हैं। फिर भी तीन नामों का चयन किया जाता है। अब राजभवन इन्हीं अयोग्य उम्मीदवारों से नई सर्च कमेटी से नए कुलपति का चयन कराएगा। इसके सर्च कमेटी बनाने राजभवन, आरजीपीवी और एआईसीटीई नाम तलाश रही है। राजभवन के आदेश पर आरजीपीवी एक सदस्य का नाम आज कार्यपरिषद की बैठक में तय करेगा। वहीं एक-एक नाम एआईसीटीई और राजभवन देंगे। यह सर्च कमेटी आरजीवी के कुलपति का नाम तय करेगी।

नए सिरे से जमा हो बायोडाटा
शिक्षाविदों का कहना है कि नई सर्च कमेटी बनाने को लेकर राजभवन को नए सिरे से विज्ञापन जारी कर नए आवेदनों को बुलाना चाहिए। इसमें बेहतर बायोडाटा भी राजभवन को मिल सकते हैं। इससे सर्च कमेटी को चयन के लिए ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना होगा। तत्कालीन राज्यपाल रामनरेश यादव ने आरजीपीवी कुलपति के विज्ञापन जारी में आवेदक की आयुसीमा का बंधन नहीं रखा था।

पचास एकड़ में बनेगा आईआईआईटी
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आज कार्यपरिषद की बैठक में नए कुलपति के लिए राजभवन द्वारा तैयार होने वाली सर्च कमेटी के लिए विवि का एक सदस्य का चयन करने के साथ ही दो अन्य अहम मुद्दों पर भी चर्चा होगी। सबसे खास मुद्दा आरजीपीवी की ढाई सौ एकड़ की भूमि में से पचास एकड़ में आईआईआईटी (इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ इंफोरमेशन टेक्नोलाजी) को स्थापित किया जाना है। इसके लिए कार्यपरिषद सदस्य अपनी मंजूरी देंगे। हालांकि इसे लेकर विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों के अपने-अपने मत हंै। इनमें से एक दल का कहना है कि भविष्य में आरजीपीवी को स्वयं ही अपनी जमीन की जरूरत होगी। अगर उसके पास जमीन की कमी होगी तो इसके लिए वह पूर्ति कैसे होगी। पूर्व में ग्रामीणों और निजी विवि के कारण आरजीपीवी की जमीन पर अतिक्रमण होता रहा है। वहीं दूसरे दल का कहना है कि केंद्रीय सरकार का संस्थान आरजीपीवी में खुलेगा तो इसका फायदा भविष्य में आरजीपीवी को ही मिलेगा। अंतिम फैसला ईसी के सदस्यों को करना है।

पहले यह थे सर्च कमेटी में
आरजीवपी के कुलपति चयन के लिए पहले जो सर्च कमेटी बनाई गई थी, उसमें रवि बी ग्रोवर डायरेक्टर भाभा नेशनल इंस्टीट्यूट मुंबई, आईएस चौहान पूर्व कुलपति बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल और बीएस सौंदे पूर्व कुलपति गोवा विवि शामिल थे। a

Updated : 3 May 2017 12:00 AM GMT
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