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121 ब्रह्म विभूतियों का सम्मान समारोह आयोजित

झांसी। भगवान परशुराम जयंती समारोह महासमिति एवं युवा ब्राह्मण महासंघ के संयुक्त तत्वावधान में विगत एक सप्ताह से चल रहे भगवान परशुराम जयंती के 27वें वार्षिकोत्सव पर विविध धार्मिक कार्यक्रमों का समापन महासंघ के अध्यक्ष-मुख्य संयोजक रवीश त्रिपाठी के संयोजन में आज रानीमहल स्थित गोपीनाथ के मंदिर में 121 ब्रह्म विभूतियों का सम्मान समारोह पूर्व विधायक बृजेंद्र व्यास के मुख्य आतिथ्य तथा जिला धर्माचार्य महंत विष्णु दत्त स्वामी की अध्यक्षता में हुआ जिसमें विशिष्ट अतिथि के रुप में पं. कालीचरन जारौलिया उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने भगवान परशुराम के चित्र पर पूजन, माल्यार्पण एवं आरती कर किया। मुख्य अतिथि पूर्व विधायक बृजेंद्र व्यास ने कहा कि प्रजातंत्र के प्रणेता थे भगवान परशुराम जी। त्रेता युग में राजतंत्र निरंकुश हो गया राजा अहंकार वश प्रजा पर अत्याचार तथा शोषण करने लगे व धर्मतंत्र की मर्यादाओं का उल्लंघन करने लगे ऐसे विषमकाल में भगवान विष्णु जी का ब्राह्मण कुल में परशुराम जी के रुप में अवतार हुआ। भगवान परशराुम जी केवल ब्राह्मणों के ही नहीं अपितु समस्त भारतवासियों के आराध्य हैं। अध्यक्षता कर रहे महंत विष्णुदत्त स्वामी ने कहा कि दस अवतारों में से भगवान परशुराम जी एक ऐसे अवतार हैं जिनका एक बार भी चरण वंदन करने मात्र से मनुष्य राजयोग का अधिकारी बन जाता है तथा उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। विशिष्ट अतिथि पं. कालीचरन जारौलिया ने कहा कि भगवान परशुराम जी ने तत्कालीन भारत में त्याग, शौर्य तथा न्याय की स्थापना की थी वह किसी व्यक्ति या वर्ण के विरोधी नहीं थे। जब-जब समाज में अन्याय एवं अत्याचार की शक्तियों का बाहुल्य हो जाता है तथा सामाजिक व्यवस्थायें छिन्न-भिन्न होने लगती हैं तब-तब महान शक्तियों का उदय होता है। भगवान परशुराम ऐसे ही महाशक्ति थे।

समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में अपना उत्कृष्ट योगदान देने वाली ब्रह्म विभूतियां चन्द्रप्रकाश मिश्रा, चिंतामणि दुबे, केशवेन्द्र द्विवेदी, महेश पांडेय, गौरीशंकर उपाध्याय, अखिलेश पांडेय, अविनाश मिश्रा, सुरेंद्र तिवारी, बाबूलाल जारौलिया, राजेंद्र तिवारी, संतोष पाठक, अमित रावत, राघवेन्द्र पटसारिया, कालीचरन जारौलिया, मनोज पाठक, राधे चौबे, केसी ऑनियाल, कम्मू तिवारी, अनिल व्यास, कुंजीलाल पाठक, भूपेंद्र गोस्वामी, यश पाठक, राजीव त्रिपाठी, मार्तण्ड स्वामी, डा. रवीन्द्र बुधौलिया, अनिल गुरुदेव, उमाशंकर मिश्रा, महेंद्र गोस्वामी, श्रीमती बृजलता मिश्रा, डा. निर्मल शर्मा, श्रीमती अर्चना दुबे सहित 121 ब्रह्म विभूतियों को मुख्य अतिथि बृजेंद्र व्यास एवं मुख्य संयोजक रवीश त्रिपाठी ने पीताम्बरा एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। समारोह में पंकज पाराशर एड., पुरुषोत्तम बुधौलिया, रामप्रकाश तिवारी, राजेश पुरोहित, राजीव त्रिपाठी, श्रीराम तिवारी, प्रीतम मिश्रा, दिनेश शास्त्री, रोहित रावत, रामेश्वर शर्मा, श्याम नारायण शर्मा, सचिन दुबे आदि वक्ताओं ने भगवान परशुराम जी के आदर्शों पर प्रकाश डाला। संचालन महामंत्री संजीव शर्मा ने किया। आभार मुख्य संयोजक रवीश त्रिपाठी ने व्यक्त किया।

Updated : 3 May 2017 12:00 AM GMT
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