Home > Archived > बिना राज्य बने नहीं होगा किसानों की समस्याओं का समाधान

बिना राज्य बने नहीं होगा किसानों की समस्याओं का समाधान

मशाल जुलूस निकालकर मांगा बुन्देलखण्ड राज्य
झांसी। बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा द्वारा बुन्देलखण्ड प्रांत निर्माण की मांग को लेकर चलाये जा रहे आंदोलन की श्रृंखला में आज नन्दनपुरा स्थित पुलिया से मशाल जुलूस बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय उपाध्यक्ष रवीन्द्र कुरेले के नेतृत्व में प्रारंभ होकर भारत माता मंदिर होते हुये खातीबाबा मंदिर परिसर में समाप्त हुआ।
जुलूस में सैंकड़ों युवक और युवतियां अपने हाथों में जलती हुयी मशाले लिए हुये गगनभेदी नारे लगा रहे थे-
विकास बोर्ड तो धोखा है, राज्य बना दो मौका है।
बिगुल बजा बुन्देलखण्ड का जाग उठी तरूणाई है,
उठो जवानों तिलक लगाने क्रांति द्वार पर आई है।।
इच्छा है भगवान की, अलग राज्य निर्माण की।
सब लूट रहे इस धरती को, हम तरस रहे हैं भर्ती को।।
खातीबाबा मंदिर परिसर में जुलूस सभा के रुप में परिवर्तित हुआ। सभा की अध्यक्षता करते हुये अपने अध्यक्षीय संबोधन में बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष डा. बाबूलाल तिवारी ने कहा कि बुन्देलखण्ड के किसानों कि लघु-सीमांत जोत की सीमा बढ़ानी चाहिए क्योंकि यह पहाड़ी क्षेत्र के साथ असिंचित एवं अन उपजाऊ क्षेत्र है अत: यहां के लघु-सीमांत किसानों की सीमा कम से कम 20 वीघे होना ही चाहिए।
सभा को संबोधित करते हुये बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के सभा को संबोधित करते हुये बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महामंत्री दिनेश भार्गव ने कहा कि बुन्देलखण्ड के दूरदराज गांवों से छात्र-छात्राओं को बीएड प्रवेश परीक्षा देने के लिए झांसी आना पड़ा, परीक्षा हेतु वे अपने निवास से 2 मई को चले प्रवेश परीक्षा के उपरांत परीक्षार्थी 4 मई को अपने घर पहुंच पायेंगे। इस प्रकार इस भीषण गर्मी में उनको तीन दिन का सफर करना पड़ा। उन्हें ठहरने एवं खाने की समस्या का सामना करना पड़ा। उन्हें अच्छे दिनों का एहसान नहीं हुआ, जबकि यह परीक्षा बीएड में दाखिला मात्र की है न कि किसी नौकरी के लिए।
विश्वविद्यालय व प्रदेश शासन चाहता तो यह प्रवेश परीक्षा जिला स्तर पर भी सम्पन्न करायी जा सकती थी। अभी बीएड काउन्सिलिंग हेतु उन्हें पुन: झांसी आना पड़ेगा। इस परीक्षा को श्रमसाध्य और कष्ठसाध्य बनाकर जठिल कर दिया गया है इसीलिए छात्र-छात्राएं बीएड प्रवेश परीक्षा से दूरी बनाने लगे हैं शासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। इसी तरह विश्वविद्यालय कि एलएलबी, बीएससी, बीएससी (एग्रिकल्चर) एवं बीफार्मा आदि की प्रवेश परीक्षा में छात्र-छात्राओं को झांसी आना पड़ेगा जिससे विद्यार्थियों को दाखिला लेने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
शासन से मांग की जाती है कि यह सभी परीक्षाएं जिला स्तर पर ही संपादित करायी जायें। उन्होंने कहा कि चित्रकूट धाम मंडल में एक विश्वविद्यालय और स्थापित किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम में तिलक परिहार, लियाकत अली, संजय राष्ट्रवादी, सुनील राजपूत रक्सा, वकील अहमद रक्सा, राहुल साहू, देव साहू, हेमंत शाक्या, संतोष भार्गव, अजीत पाठक, रंजीत शर्मा, धर्मेन्द्र यादव, कमलेश पाठक, शैलजा तिवारी, रंजनी निरंजन, डा. वंदना कुशवाहा, शिवम पटेल, प्रिंस खरे, राघवेन्द्र नामदेव, राहुल वर्मा, अमृतलाल, पं. नारायणाचार्य, देवेंद्र चौहान, कपिल वर्मा, नरेश कुमार तिवारी, पंकज मिश्रा, स्वदेश गौरव मिश्रा, नरेश बुंदेला, नरेश तिवारी, जितेंद्र कुमार तिवारी एड., सतेन्द्र राजपूत बिठरी, रोहित, रामनरेश आदि उपस्थित रहे। बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के महानगर अध्यक्ष अनिल पाठक ने सभी का आभार व्यक्त किया।

Updated : 4 May 2017 12:00 AM GMT
Next Story
Top