Home > Archived > कृषिवानिकी तकनीकियां किसानों तक पहुंचायें : चन्द्रिका प्रसाद

कृषिवानिकी तकनीकियां किसानों तक पहुंचायें : चन्द्रिका प्रसाद

केन्द्रीय कृषिवानिकी अनुसंधान ने धूमधाम से मनाया 29वां स्थापना दिवस

झांसी। केन्द्रीय कृषिवानिकी अनुसंधान संस्थान, झांसी द्वारा 29वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय विधायक चित्रकूट धाम कर्वी रहे। मुख्य अतिथि ने उद्बोधन में कहा कि कृषिवानिकी तकनीकियों को किसानों के खेत में पहुंचाने की आवश्यकता है। इस प्रकार अंतिम पंक्ति में बैठे किसान के उदय से भारत उदय संभव होगा। उन्होंने अनुसंधान के परिणामों को प्रचार-प्रसार करके जन-जन तक पहुंचाने की अपील की तथा कहा कि खोज का लाभ किसानों को हर हालत में मिलें। मुख्य अतिथि ने संस्थान के वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को 29वें स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें दीं।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डा.पीके घोष निदेशक ग्रासलैण्ड ने अपने उद्बोधन में कहा कि एकीकृत फसल प्रणाली में पशुपालन एवं कृषिवानिकी का होना अनिवार्य है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि किसानों की आय दो गुना करने में एकीकृत फसल प्रणाली ही एक विकल्प है।

कार्यक्रम के विशिष्ठ अनिल श्रीवास्तव सह कार्यवाहक, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कानपुर प्रांत ने अपने उद्बोधन में कहा कि वैज्ञानिकों की खोज का लाभ किसानों के खेत पर उतरे तभी किसान का विकास होगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मनुष्य को अपने अलावा अन्य के बारे में भी विकास के बारे में सोचना है तभी देश का विकास होगा। उन्होंने चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई का उदाहरण देते हुये कहा कि यह महान विभूतियां अपना जीवन देश के लिए समर्पित किये है।

कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि डा. कपिल सिंह सचिव, स्पन्दन नई दिल्ली अपने उद्बोधन में कहा कि नई तकनीकियों को किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार की अति आवश्यकता है जिसमें केन्द्र एवं राज्य सरकारों का सहयोग जरुरी है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. ओपी चतुर्वेदी निदेशक केन्द्रीय कृषिवानिकी अनुसंधान संस्थान झांसी ने की। डा. चतुर्वेदी ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए कृषिवानिकी संस्थान की विगत वर्षों की उपलब्धियों की आख्या एवं आगे आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए कृषिवानिकी पद्धतियों, जलसमेट एवं अनुसंधान कार्यों की विस्तृत रुपरेखा प्र्रस्तुत की। उन्होंने सत्त विकास, पर्यावरणीय सेवायें, जीवकोपार्जन हेतु कृषिवानिकी तथा कृषकों की आमदनी को दो गुना करने हेतु कृषिवानिकी के महत्व को रेखांकित किया।

कार्यक्रम के दौरान कृषिवानिकी तकनीकियों को अपनाने वाले प्रगतिशील कृषक कोमल सिंह ग्राम परासई झांसी, महेन्द्र सिंह ग्राम दातार नगर झांसी, अंबिका प्रसाद पुरानी टेहरी टीकमगढ़, अरुण कुमार ग्राम बिनवारा टीकमगढ़, नवनीत पाठक ग्राम रिछरा दतिया एवं श्रीमती सरोज यादव ग्राम सिमरधा झांसी को श्रीफल, शॉल एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। सर्वोत्तम अनुसंधान लेख का पुरस्कार डा.आरएच रिजवी एवं टीम को सर्वोत्तम पापुलर लेख का खिताब डा. आशाराम एवं टीम को, सर्वोत्तम कार्मिक फील्ड संचालन का पुरस्कार डा. रमेश सिंह एवं सर्वोत्तम कार्मिक विज्ञान एवं संस्था विकास डा. इन्दर देव को प्रदान किया गया। उत्तम कार्मिक का पुरस्कार तकनीकी वर्ग से डा.सीके बाजपेयी प्रशासनिक वर्ग से एके चतुर्वेदी, सपोर्टिंग वर्ग से प्रमोद कुमार को प्रदान किया गया।

सर्वोत्तम खिलाड़ी का पुरस्कार अतर सिंह को दिया गया। संस्थान के कार्मिकों के बच्चों को हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने पर सम्मानित कर प्रमाण पत्र दिया गया जिसमें कु. अनिसा आलम इंटरमीडिएट एवं कु. अनुस्मिता दत्ता हाईस्कूल रहीं।
स्थापना दिवस के अवसर पर संस्थान में कृषिवानिकी प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। प्रदर्शनी स्टाल में कृषि विज्ञान केन्द्र झांसी, कृषि विज्ञान केन्द्र दतिया, मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र दतिया ग्रासलैण्ड, उद्यान विभाग झांसी, खाद्य प्रशिक्षण केन्द्र झांसी एवं कृषि अनुसंधान संस्थान झांसी ने अपने प्रदर्शनी स्टाल के माध्यम से नयी तकनीक उत्पाद एवं कृषक उपयोगी जानकारी प्रस्तुत किये। प्रदर्शनी में किसान भाईयों ने बढ़-चढ़कर जानकारी ली एवं अपनी रूचि दिखाई।
स्थापना दिवस के अवसर पर प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और वैकल्पिक भूमि उपयोग प्रणाली के माध्यम से बुन्देलखण्ड क्षेत्र के किसानों की आय को दोगुना करने विषय पर कृषक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें बुन्देलखण्ड के विभिन्न जनपदों से विशेषकर झांसी, दतिया एवं टीकमगढ़ जनपद के 165 कृषकों ने भाग लिया। विभिन्न विषय विशेषज्ञों ने कृषक कार्यशाला में अपने विचार कृषकों के साथ साझा किये एवं कृषकों की आय दो गुना करने पर मंथन किया गया। कार्यशाला के दौरान प्रश्रोत्तरी कार्यक्रम में कृषकों ने बढ़-चढ़कर सवाल पूछे जिसका विषय विशेषज्ञों द्वारा समाधान एवं उत्तर दिया गया।
कार्यक्रम में डा.आरपी द्विवेदी, डा.बीएस गंगवार, महेंद्र सिंह, डा. निशी राय केवीके झांसी, अजय सोनी नाबार्ड, डा.एसएन पांडेय स्टार्ट, डा. राम नेवाज, डा. अनिल कुमार, डा.आरके तिवारी, डा.एके हाण्डा, डा. बद्रे आलम, डा. सुधीर कुमार, डा. इन्दर देव, डा. राजेंद्र प्रसाद, डा. तोमर दतिया, डा. डीएस यादव, ग्रासलैण्ड के विभागाध्यक्ष जेएल शर्मा प्रशासनिक अधिकारी, एसबी शर्मा सहायक वित्त लेखाधिकारी, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश शासन के विभागीय अधिकारी, कृषिवानिकी संस्थान के वैज्ञानिक, अधिकारी एवं कर्मचारीगण, बुन्देलखण्ड के प्रगतिशील किसान, अनुसंधान अध्येता तथा शोध छात्र एवं छात्रायें विशेष रुप से उपस्थित रहे।
स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर एक सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन डा. रमेश सिंह एवं आभार डा. इन्दर देव द्वारा किया गया।

Updated : 9 May 2017 12:00 AM GMT
Next Story
Top