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अरब देशों की 13 मांगों को मानना कतर के लिए कठिन: अमरिका

अरब देशों की 13 मांगों को मानना कतर के लिए कठिन: अमरिका
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वाशिंगटन। डोनाल्ड ट्रम्प सरकार ने कतर का साथ देते हुए राजनयिक संकट खत्म करने के लिए अरब देशों की 13 मांगों को मानना कठिन बताया है। अमरीकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा कि अरब देशों ने कतर के सामने जो मांग रखी है, उन्हें पूरा करना कतर के लिए कठिन होगा। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली।

बीबीसी के अनुसार, अरब देशों (सऊदी अरब, मिस्र, बहरीन, सयुंक्त अरब अमीरात) ने कतर से 10 दिनों के अंदर ईरान के साथ संबंधों को कम करने और तुर्की के सैन्य अड्डे को बंद करने की मांग रखी थी। इन मांगों में से एक न्यूज चैनल अल-जजीरा को बंद करने की बात भी शामिल है, जिसे कतर सरकार आर्थिक मदद देती है। कतर के विदेश मंत्री ने शनिवार को ही सऊदी अरब, मिस्र, सयुंक्त अरब अमीरात और बहरीन की ओर से रखी गईं 13 मांगों को मानने से इन्कार कर चुके हैं। अमरिकी विदेश मंत्री टिलरसन ने अरब देशों को साथ बैठकर चरमपंथ का हल निकालने और चरमपंथ के खिलाफ जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि ये प्रस्ताव राजनयिक संकट के दौरान इन देशों के बीच बातचीत का रास्ता खोलता है।

कतर ने कहा -

न्यूज चैनल अल-जजीरा ने कतर के विदेश मंत्री के हवाले से कहा है कि अमरीकी विदेश मंत्री ने कतर पर प्रतिबंध लगाने वाले देशों से उन शिकायतों को सामने रखने को कहा था जो कि तार्किक और दूर करने लायक हों। अल-थानी ने कहा, 'ब्रितानी विदेश सचिव ने भी मांगों के सोची-समझी और यथार्थवादी होने की बात कही थी। मांगों की ये सूची इस आधार पर खरी नहीं उतरती।' उन्होंने कहा कि कतर के सामने रखी मांगे चरमपंथ का सामना करने के लिए नहीं बल्कि कतर की संप्रभुता और हमारी विदेश नीति को बाहर से चलाने के लिए हैं।

कतर के न्यूज चैनल अल-जज़ीरा ने इन मांगों के जरिए चारों देशों पर उसकी बोलने की आज़ादी पर हमला करने का आरोप लगाया है। चैनल ने कहा, 'ये हमारा अधिकार है कि हम पेशेवर तरीके से किसी सरकार और प्रशासन के सामने झुके बिना अपनी पत्रकारिता करें।'

Updated : 26 Jun 2017 12:00 AM GMT
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