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आनंदपाल मामला : नागौर में राजपूत समाज के लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प, एक की मौत, 21 पुलिसकर्मी जख्‍मी

आनंदपाल मामला : नागौर में राजपूत समाज के लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प, एक की मौत, 21 पुलिसकर्मी जख्‍मी
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नागौर।
कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो से कराने सहित अन्य चार मांगों को लेकर राजस्थान के नागौर के सांरवदा गांव में जुटे हजारों राजपूत समाज के लोगों और पुलिस के बीच बुधवार (12 जुलाई) को झड़प हुई। इसमें प्रदर्शनकारियों ने एसपी पारस देशमुख की गाड़ी में आग लगा दी। साथ ही चार बसों में भी आग लगा दी गई। डिडवाना के पास लोगों ने रेलवे ट्रैक से फिशप्लेट उखाड़ने की भी कोशिश की।

हमआपको बता दें कि सरकार के मुताबिक उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए केवल रबर की गोलियों, आंसू गैस और लाठीचार्ज किया गया। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक इस पूरे घटनाक्रम में मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले एक शख्‍स की मौत हो गई (अभी मृत्‍यु के कारणों के बारे में पता नहीं चल सका है)। घटना में 21 पुलिसकर्मी जख्‍मी हुए हैं और सात नागरिक घायल हुए हैं। भारी तनाव को देखते हुए वहां कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है।

जानकारी मिली है कि इलाके में भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्थिति पर करीबी निगाहें बनाए हुए हैं। गौरतलब है कि आनंदपाल के परिजन इस मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए इसकी सीबीआई से जांच करवाने की मांग मानने पर ही उसके शव का अंतिम संस्कार करने पर अड़े हुए हैं। बता दें कि कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह गत 24 जून को कथित पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। फिलहाल नागौर, चुरु, सीकर और बीकानेर जिले में धारा 144 लगा दी गई है। इसके अलावा इंटरनेट सर्विस भी बंद कर दी गई।

राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) एन आर के रेड्डी के अनुसार श्रीकरणी राजपूत सेना द्वारा आयोजित कार रैली में आए लोगों पर उस समय लाठीचार्ज करना पड़ा जब उत्तेजित प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया लेकिन वह हिंसा पर उतारू होने लगे, जिसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

उन्होंने बताया कि झड़प में घायल हुए लोगों में नागौर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख समेत कई पुलिसकर्मी शामिल हैं। अन्य घायल प्रदर्शनकारी हैं। घायल पुलिसर्किमयों में से दो को नाजुक हालत में जयपुर के अस्पताल भेजा गया है जबकि शेष को नागौर के नजदीक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। दो पुलिसकर्मी अभी लापता हैं जिनकी तेजी से तलाश की जा रही है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतक आनंदपाल सिंह के पैतृक गांव में राजपूत करणी सेना की ओर से आयोजित की गई हुंकार रैली और श्रद्वाजंलि सभा में जुटे हजारों लोगों में से कुछ लोगों ने दिल्ली जोधपुर रेल मार्ग को जाम कर उसे श्रतिग्रस्त करना शुरू कर दिया था और पुलिस को उनको रोकने का प्रयास करने पर लाठी भाटा जंग शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि रेल मार्ग श्रतिग्रस्त हो जाने के कारण दिल्ली-जोधपुर वाया रेवाड़ी मार्ग पर फिलहाल यातायात बाधित है। पुलिस ने कहा कि सांरवदा गांव में स्थिति तनावपूर्ण है। भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्थिति पर करीबी निगाहे बनाए हुए हैं।

बता दें कि आनंदपाल के अन्तिम संस्कार को लेकर असमंजस बना हुआ है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सांरवदा गांव में हजारों लोगों ने श्रीराजपूत करणी सेना की हुंकार रैली में हिस्सा लिया। गौरतलब है कि करीब डेढ साल की फरारी के बाद पुलिस मुठभेड़ में मारे गये कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के परिजन मुठभेड़ पर सवाल उठा रहे हैं। वह मुठभेड़ की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरों से करवाने सहित चार अन्य मांगे पूरी न होने तक, आनंदपाल सिंह का अन्तिम संस्कार न करने पर अडिग हैं। पुलिस ने सांरवदा गांव में आज प्रस्तावित रैली को देखते हुए यहां सुरक्षा और कड़ी कर दी है। वहीं नागौर, बीकानेर, चूरू जिला प्रशासन ने मंगलवार शाम से आज शाम तक इंटरनेट सेवा निलंबित रखी।

Updated : 13 July 2017 12:00 AM GMT
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