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आंकलित खपत लगाकर ठग रही है बिजली कम्पनी

आंकलित खपत लगाकर ठग रही है बिजली कम्पनी
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कैसे बिजली का सुख भोगें गरीब!

ग्वालियर। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के अधिकारी राजस्व वसूली का आंकड़ा पूरा करने के लिए गरीब से गरीब उपभोक्ताओं को ठगने से भी नहीं चूक रहे हैं। जिनके पास दो वक्त की रोटी का इंतजाम तक नहीं हैं, उन पर भी जबरिया आंकलित खपत थोपी जा रही है। ऐसे में सवाल यह है कि जो लोग दिन-रात हाड़ तोड़ मेहनत करके दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करते हैं, वे बिजली का सुख कैसे भोग पाएंगे। गुरुवार को रोशनीघर स्थित श्रम कल्याण केन्द्र में विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम की तीन सदस्यीय बेंच के समक्ष अपनी समस्या लेकर पहुंचे हरिसिंह की भी कहानी कुछ ऐसी ही है।
हरिसिंह पुत्र जगराम निवासी गुड़ा का हार, बिरगठयन का पुरा, सिकंदर कम्पू, लश्कर की शिकायत थी कि मीटर रीडर उनके यहां कभी रीडिंग लेने नहीं आते हैं। इसके चलते बिजली कम्पनी पिछले करीब डेढ़ साल से लगातार उन्हें आंकलित खपत के बिल देती आ रही है, जबकि उनका विद्युत मीटर चालू है और रीडिंग भी सही दर्शा रहा है। हरिसिंह ने बताया कि अगस्त 2016 में उनकी मीटर रीडिंग 70 यूनिट थी, जबकि बिजली कम्पनी ने उन्हें 200 यूनिट आंकलित खपत लगाकर 270 यूनिट का बिल दिया। उस बिल में 79 यूनिट का पिछला 427 रुपए जोड़कर 3379 रुपए का बिल जारी किया गया। उन्होंने इसकी शिकायत बिजली कम्पनी के सिकंदर कम्पू जोन में की तो कोई निराकरण नहीं किया गया। इस कारण उन्होंने बिल जमा नहीं कराया।
इसके बाद सितम्बर से लेकर दिसम्बर 2016 तक का उनके बिल मीटर में दर्ज रीडिंग के अनुसार आए, लेकिन जनवरी 2017 में जो बिल दिया गया, उसमें कोई रीडिंग दर्ज नहीं थी। हालांकि उसमें राशि मीटर में दर्ज रीडिंग के अनुसार ही थी। इसके बाद आंकलित खपत का सिलसिला फिर शुरू हो गया। फरवरी में आंकलित खपत 123 यूनिट और मार्च में आंकलित खपत 156 यूनिट का बिल दिया गया। चूंकि बिजली कम्पनी आंकलित खपत हटाने को तैयार नहीं थी, इसलिए उन्होंने बिल जमा नहीं कराया। इस पर मार्च अंत में उनका कनेक्शन काट दिया गया।

कनेक्शन काटने के बाद भी आंकलित बिल

हरिसिंह ने बताया कि मार्च 2017 में कनेक्शन कटने के बाद अपै्रल में उनका बिल शून्य यूनिट व राशि 100 रुपए का आया। इसके बाद मई और जून माह में क्रमश: 150-150 यूनिट का बिल जारी किया गया। इन दोनों माह में उनकी जमा सुरक्षा निधि 2336 रुपए में से क्रमश: 281-281 रुपए काटकर बिल जारी किए गए। हरिसिंह ने बताया कि वह बेरोजगार है और मेहनत मजदूरी करके अपना बमुश्किल परिवार चला पा रहे हैं। वह अस्थमा रोग से भी पीड़ित हैं। ऐसे में वह जबरन आंकलित खपत लगाकर भेजे जा रहे बिलों का भुगतान करने में असमर्थ हैं, इसलिए उन्होंने विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।

डेढ़ घण्टे पहले ही उठ गई बेंच

गुरुवार को भोपाल से आई विद्युत उपभोक्ता शिकायत शिकायत निवारण फोरम की तीन सदस्यीय बेंच को पूर्वान्ह 11 से अपरान्ह चार बजे तक उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई करना थी, लेकिन इस बेंच में शामिल अध्यक्ष व दो सदस्य मध्यान्ह ढाई बजे भोजन अवकाश के लिए उठे और भोजन करने के बाद तीन बजे वापस भोपाल के लिए रवाना हो गए। इसके चलते मध्यान्ह तीन बजे के बाद अपनी शिकायत लेकर पहुंचे कुछ लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा। बताया गया है राजीव अग्रवाल की अध्यक्षता वाली इस तीन सदस्यीय बेंच ने आज पूर्व से दर्ज कुल 12 शिकायतों की सुनवाई की, जिनमें से सात मामलों में सुनवाई पूर्ण कर निर्णय सुरक्षित कर लिया। बेंच ने शेष पांच शिकायतों की सुनवाई के लिए आगामी 11 अगस्त की तारीख तय की है। इसके अलावा आंकलित खपत से संबंधित आज तीन नई शिकायतें भी दर्ज की गर्इं।

Updated : 14 July 2017 12:00 AM GMT
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