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गंदगी से शहर बीमार, नगर सरकार नहीं कर पा रही इलाज

गंदगी से शहर बीमार, नगर सरकार नहीं कर पा रही इलाज
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निगम कार्यालय में कर्मचारी उड़ा रहे धुंए का छल्ला

ग्वालियर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देशभर में चलाए गए स्वच्छता अभियान को शहर की नगर सरकार पूरी तरह से पलीता लगा रही है। बारिश का मौैसम शुरू होने के साथ ही शहर की सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा गई है। जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर और जलभराव के चलते अब विभिन्न प्रकार की बीमारियों ने भी पैर पसारना शुरू कर दिए हैं। नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की पूरी चतुरंगी सेना होने के बाद भी शहर में साफ सफाई नियमित रूप से नहीं हो पा रही है। स्मार्ट सिटी योजना में शामिल हो चुके महानगर में नगर सरकार सफाई व्यवस्था को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है। घरों से कचरा एकत्रित करने के लिए शुरू किए डोर टू डोर कलेक्शन का कार्य भी पूरी तरह से अस्त व्यस्त नजर आ रहा है। महानगर में प्रमुख मार्गो को छोड़ दें तो शहर की पॉश कॉलोनियों और गली मोहल्लों की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुकी है। शहर की निचली बस्तियों का सबसे बुरा हाल है। यहां सफाई कर्मी यदा कदा ही अपनी सूरत दिखाने पहंचते हैं। बारिश का मौसम शुरू होने के बाद भी शहर के कई नाले आज भी गंदगी से पटे पड़े हैं। जिसके चलते जरा सी बारिश होने के बाद भी नालों और सीवर का पानी लोगों के घरों में घुस रहा है।

सड़कों पर पड़े हैं गंदगी के ढेर

गंदगी होने से शहर गांव से भी बदतर स्थिति में है। शहर में रहने वाले नागरिक भी नगर निगम के नियमों को नहीं मानते हैं। कचरा रखने के लिए कूड़ादान जरूर मिला है, लेकिन कचरा सड़क और नालियों में आज भी डाला जा रहा है। उसमें से निकल रही बदबू ने पर्यावरण को खतरे में डाल दिया है।

चौपाल नजर आने लगा है नगर निगम कार्यालय

पूर्व निगामयुक्त के समय जहां नगर निगम कार्यालय में अधिकारी और कर्मचारी समय पर कार्यालय में नजर आते थे,वहीं पूर्व निगमायुक्त के भय से निगम कार्यालय में अनुशासन का वातावरण नजर आता था। लेकिन नए निगम आयुक्त के आते ही नगर निगम कार्यालय का अनुशासन अब भंग होता नजर आ रहा है। नगर निगम कार्यालय में कर्मचारी और अधिकारी जगह जगह चौपाल लगाकर अपनी जेबें भरने के लिए पंचायत करते जरूर नजर आने लगे हंै। नगर निगम कार्यालय में भी सफाई व्यवस्था की धज्जियां उड़ रही हंै। कार्यालय के कौने जहां पीकदान बन चुके हैं वहीं कर्मचारी कार्यालयों के कौने में धुएं के छल्ले उड़ाते नजर आते हैं।

डोर-टू-डोर कलेक्शन भी असफल

शहर में घरों व दुकानों में अभी भी डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन शुरू नहीं हो सका है। सार्वजनिक जगहों में नगर निगम के सफाई कर्मचारी कचरा उठाने नियमित पहुंच रहे हैं। लेकिन वार्डों में नियमित नहीं पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि मोहल्लों, बस्तियों और बसाहटों के आसपास वर्षों से बने कचरा फेंकने की जगह अभी भी यथावत हैं। बाजारों में बड़े-बड़े कंटेनर भी नहीं रखे गए हैं। इससे कचरा फैला हुआ है।

इनका कहना है

शहर की सफाई व्यवस्था पूर्ण रूप से चरमरा गई है। निगम प्रशासन स्मार्ट सिटी में लगा हुआ है। स्वर्ण रेखा नाले पर सुबह के समय दो टन से अधिक कचरा पड़ा रहता है और वहां से गुजरने वाले बच्चे उल्टी करते हुए स्कूल जा रहे हैं। वहीं निगम मुख्यालय में ढील की वजह से आज भी बराबर बीड़ी व सिगरेट का कर्मचारी सेवन कर रहे हैं।

कृष्णराव दीक्षित, नेता प्रतिपक्ष
नगर निगम ग्वालियर

Updated : 15 July 2017 12:00 AM GMT
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