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वेंकैया नायडू की छात्र संघ से लेकर अभी तक की राजनीति का सफर

वेंकैया नायडू की छात्र संघ से लेकर अभी तक की राजनीति का सफर
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है। बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया। उपराष्ट्रपति पद के लिए नायडू का मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी से होगा। लेकिन, क्या आपको पता है कि राजनीति में नायडू की भूमिका कैसी रही है। अमित शाह ने नायडू को मोदी सरकार का सफल मंत्री करार दिया, जिनके पास शहरी विकास तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय हैं। आंध्र प्रदेश में नेल्लोर जिले के चावटपलेम में 1 जुलाई 1949 को वेंकैया नायडू का जन्म हुआ। नायडू 40 साल से राजनीति में सक्रिय है। वे 2002 से 2004 तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में वे भारत सरकार के अंतर्गत शहरी विकास, आवास तथा शहरी गरीबी उन्मूलन तथा संसदीय कार्य मंत्री हैं।

हम आपको बता दें कि इससे पहले, वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रह चुके हैं। नायडू की पहचान हमेशा एक आंदोलनकारी के रूप में रही है। वे 1972 में जय आंध्र आंदोलन के दौरान पहली बार सुर्खियों में आए। उन्होंने इस दौरान नेल्लोर के आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेते हुये विजयवाड़ा से आंदोलन का नेतृत्व किया। छात्र जीवन में उन्होने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की विचारधारा से प्रभावित होकर आपातकालीन संघर्ष में हिस्सा लिया। वे आपातकाल के विरोध में सडक़ों पर उतर आए और उन्हें जेल भी जाना पड़ा। आपातकाल के बाद वे 1977 से 1980 तक जनता पार्टी के युवा शाखा के अध्यक्ष रहे। वर्ष 2002 से 2004 तक उन्होने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का उतरदायित्व निभाया।

बताया जा रहा है कि कॉलेज के दिनों से ही वह राजनीति में सक्रिय रहे है उन्होंने ने वी.आर. हाई स्कूल, नेल्लोर से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और वी.आर. कॉलेज से राजनीति तथा राजनयिक अध्ययन में स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने आन्ध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम से कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की। 1974 में वे आंध्र विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुये। कुछ दिनों तक वे आंध्र प्रदेश के छात्र संगठन समिति के संयोजक भी रहे।

इस तरह रहा वेंकैया नायडू की राजनीति का सफर...

आंध्र विश्वविद्यालय, अध्यक्ष, छात्र संघ - 1973-1974
संयोजक, लोक नायक जय प्रकाश नारायण युवजन चतरा संघर्ष समिति, आंध्र प्रदेश - 1974
अध्यक्ष, जनता पार्टी की युवा शाखा, आंध्र प्रदेश - 1977-80
सदस्य, विधान सभा, आंध्र प्रदेश (दो बार) - 1978-85
नेता, आंध्र प्रदेश भाजपा विधायक दल - 1980-85
महासचिव, आंध्र प्रदेश राज्य भाजपा - 1985-88
अध्यक्ष, आंध्र प्रदेश राज्य भाजपा - 1988-93
राष्ट्रीय महासचिव, भारतीय जनता पार्टी, सचिव, भाजपा संसदीय बोर्ड, सचिव, भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति, भाजपा के प्रवक्ता - 1993 सितंबर - 2000
सदस्य, कर्नाटक से राज्यसभा (तीन बार) - 1998 के बाद
भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री - 1 जुलाई 2002 से 30 सितंबर 2000
राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी - 5 अक्टूबर 2004 से 1 जुलाई 2002
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी - 2005 अप्रैल के बाद
शहरी विकास और संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री - 26 मई 2014 से अब तक

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Updated : 18 July 2017 12:00 AM GMT
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