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 भारत की बेटियां रच सकती हैं इतिहास 

 भारत की बेटियां रच सकती हैं इतिहास 
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ग्वालियर/सचिन श्रीवास्तव। भारत की बेटियां इतिहास बना सकती है। गुरुवार को भारतीय महिला क्रिकेट टीम विश्व कप के सेमीफाइनल में दिग्गज आॅस्ट्रेलियाई टीम के सामने होगीं। अगर भारत की बेटियां जीत दर्ज करने में सफल रहीं तो वे विश्व कप के फाइनल में दूसरी बार जगह बनाने में सफल रहेंगी। विश्व कप इतिहास में जितनी बार सेमीफाइनल के फॉर्मेट के साथ टूर्नामेंट आयोजित हुआ, उसमें भारतीय महिला क्रिकेट टीम चौथी बार सेमीफाइनल तक पहुंची है। 1997 के सेमीफाइनल में भारतीय टीम हारी थी, 2000 के सेमीफाइनल में भी भारतीय टीम को हार मिली लेकिन दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुए 2005 के विश्व कप सेमीफाइनल में भारत ने न्यूजीलैंड को मात देकर फाइनल में जगह बनाई थी। हालांकि फाइनल में भारत हार गया था।
12 साल पुराना बदला लेगीं भारत की बेटियां
12 साल पहले 2005 में भारतीय टीम मिताली राज की कप्तानी में ही विश्व कप खेलने उतरी थी। उस टूनार्मेंट के फाइनल में भारत को आॅस्ट्रेलिया ने 98 रनों से करारी शिकस्त दी थी। भारतीय टीम में आज कई खिलाड़ी बदल चुकी हैं लेकिन जोश पहले से भी ज्यादा है। भारतीय टीम अगर गुरुवार को आॅस्ट्रेलिया को बाहर का रास्ता दिखाने में सफल रही तो उसकी ये अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी साबित होगी और 12 साल पुराना बदला भी पूरा होगा।
इस बार ज्यादा हैं उम्मीदें
आॅस्ट्रेलियाई टीम चाहे नंबर एक हो लेकिन फिर भी विशेषज्ञों का मानना है कि रैंकिंग में चौथे नंबर की भारतीय टीम जीत सकती है। इसकी वजह टीम के मौजूदा खिलाड़ियों के साथ-साथ उनके कोच तुषार अरोथे भी हैं। 2009 से टीम के साथ जुड़े कोच ने अभी तक काफी अच्छे नतीजे दिए हैं। तुषार टीम में बदलाव करने से नहीं घबराते हैं हाल ही में न्यूजीलैंड से खेले गए मैच में एकता बिष्ट जैसी स्टार स्पिनर को बाहर बैठाकर उन्होंने अचानक राजेश्वरी गायकवाड़ को न्यूजीलैंड के खिलाफ अहम मैच में मौका दिया, सब उनके इस फैसले पर सवाल उठाने लगे थे लेकिन गायकवाड़ ने 15 रन देकर सर्वाधिक पांच विकेट ले डाले और भारत सेमीफाइनल में पहुंच गया। कोच तुषार टीम में समय-समय पर बदलाव के साथ जोश फूंकते रहते हैं। पिच, स्थिति और विरोधी टीम को आधार बनाते हुए ऐसे बदलाव करते हैं।
असमंजस में रहेगा आॅस्ट्रेलिया
आॅस्ट्रेलियाई टीम हर मायने में खास और बेहद मजबूत नजर आ रही है। इसी प्रतियोगिता के लीग मैच में आॅस्ट्रेलिया टीम ने भारतीय टीम को आठ विकेट से हराया था। हालांकि इसके बावजूद सेमीफाइनल में भारतीय टीम आॅस्ट्रेलिया को परेशान कर सकती है क्योंकि इस बीच टीम ने लगातार प्रयोग और बदलाव भी किए हैं। आॅस्ट्रेलियाई टीम इस मैच में भारतीय बल्लेबाजी क्रम में उलझ सकता है। किसको टारगेट करें ये उनके लिए बड़ा सवाल होगा क्योंकि मौजूदा भारतीय टीम में 9वें स्थान तक ऐसा खिलाड़ी मौजूद है जो बल्लेबाजी में सक्षम है।
भारत में भी स्टार बेटियां
बेशक आॅस्ट्रेलियाई टीम शानदार लय में है और उसके पास एलिस पैरी और कप्तान मेग लेनिंग जैसी स्टार खिलाड़ी मौजूद हैं लेकिन भारतीय टीम भी अब इस मामले में पीछे नहीं है। दबाव दोनों तरफ से बराबर रहेगा क्योंकि भारत के पास भी मिताली राज, झूलन गोस्वामी और हरमनप्रीत कौर जैसी स्टार बेटिया मौजूद हैं जो कभी भी मैच का पासा पलट सकती हैं। टूनार्मेंट की सबसे अनुभवी कप्तान मिताली राज अब तक सात मैचों में 356 रन बनाकर रन बनाने के मामले में तीसरे स्थान पर हैं बल्लेबाजों की आइसीसी रैंकिंग में भी लैनिंग के बाद दूसरे पायदान पर हैं। वहीं, गेंदबाजी में झूलन गोस्वामी जैसी स्टार तेज गेंदबाज मौजूद है जो हाल में वनडे रैंकिंग्स में शीर्ष स्थान पर भी रह चुकी हैं। अब तक टूनार्मेंट उनके लिए ज्यादा खास नहीं रहा है लेकिन बड़े मैचों में उनसे भी उम्मीद मुमकिन है। इनके अलावा पिछले मैच में 60 रन बनाने वाली धुआंधार आॅलराउंडर हरमनप्रीत कौर भी टीम की शान बढ़ाएंगी। स्पिन डिपार्टमेंट में एकता बिष्ट (अब तक छह मैचों में 9 विकेट) खेलें या फिर गायकवाड़, दोनों ही विरोधी बल्लेबाजों को परेशान करने में सक्षम हैं।

Updated : 20 July 2017 12:00 AM GMT
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