Home > Archived > बेटों ने किया पिता का देहदान

बेटों ने किया पिता का देहदान

बेटों ने किया पिता का देहदान
X

समाज के काम आऊं, अनिल धवन की थी अंतिम इच्छा

ग्वालियर। अनिल धवन का स्वास्थ्य विगत कई महिनों से ठीक नहीं चल रहा था, अनिल को चिकित्सकों ने बताया था कि उन्हें आॅपरेशन कराना पड़ेगा। लेकिन जयारोग्य में उनकी बीमारी का आॅपरेशन होना संभव नहीं था, इसलिए चिकित्सक ने उन्हें दिल्ली जाने की सलाह दी थी। लेकिन आॅपरेशन में लगभग 20 लाख रूपए से अधिक खर्च होने थे। अनिल धवन की आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं थी कि वह 20 लाख रूपए खर्च कर पाते और उन्होंने अपना देह दान करने का निर्णय लिया। इसी के चलते वह चिकित्सा महाविद्यालय में जाकर फॉर्म भी जमा कर आए। शुक्रवार की रात को उनका निधन हो गया। उनके पुत्रों को पिता के इस संकल्प के बारे में मालूम था और उन्होंने महाविद्यालय के एनाटॉमी विभाग को सूचना दी। कुंज विहार कॉलोनी निवासी अनिल धवन एक निजी कम्पनी में काम करते थे। उम्र ज्यादा होने के कारण वह नौकरी छोड़ अपने बच्चों के साथ रहने लगे। उन्होंने पिछले वर्ष ही अपने बड़े बेटे अंकित की शादी की और उनका बेटे शहर के बाहर नौकरी करता है।

स्व. अनिल के छोटे बेटे अक्षय धवन ने बताया कि उनका उपचार जयारोग्य चिकित्सालय के डॉ. राम.ए. रावत के यहां चल रहा था, डॉ. रावत ने बताया था कि उनके दिल की मैन नाड़ी बंद हो रही है, इसलिए जल्द से जल्द आॅपरेशन कराना पड़ेगा। इसके बाद अक्षय ईएसआई में मदद् की उम्मीद लेकर पहुंचे, लेकिन वहां उन्हें निराशा ही हाथ लगी। कई दिनों तक ईएसआई में चक्कर लगाने के बाद अनिल धवन ने आॅपरेशन न कराने का निर्णय लिया और 4 अप्रैल को गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के एनॉटोमी विभाग में देह दान का फार्म भर आए। इसकी जानकारी भी उन्होंने बेटों को दी, पूरे परिवार ने उनसे सहमति जताई। लेकिन शुक्रवार की रात अचानक उनका स्वाथ्य बिगड़ा और अक्षय उन्हें जयारोग्य के कार्डियोलॉजी लेकर पहुंचे, लेकिन अस्पताल पहुंचने के पहले ही उनकी मृत्यु हो चुकी थी। इस पर अक्षय ने अपने पिता के संकल्प को पूरा करने के लिए एनाटॉमी विभाग के चिकित्सकों को सूचना दी, सुबह विभाग के चिकित्सक उनके घर पहुंचे और शव को महाविद्यालय लेकर आ गए। जहां उनके परिजनों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।

Updated : 23 July 2017 12:00 AM GMT
Next Story
Top