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बैंकों में खुल्ले पैसे जमा नहीं करने का मुद्दा राज्यसभा में उठा

बैंकों में खुल्ले पैसे जमा नहीं करने का मुद्दा राज्यसभा में उठा
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नई दिल्ली।
आरबीआई की नियमावली की मानें तो एक ग्राहक एक दिन में एक हजार के सिक्कों की जमा-निकासी कर सकता है। लेकिन बैंक इन्हें लेने से इनकार कर रही है। बता दे बैंकों द्वारा एक रुपया, दो रुपये, पांच रुपये और 10 रुपये के सिक्के नहीं लेने का मुद्दा उठाते हुये जदयू के अली अनवर ने आज राज्यसभा में कहा कि इन सिक्कों का प्रचलन बंद करने के लिए सरकार को नोटबंदी-2 शुरू करनी चाहिये।

अनवर ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुये कहा कि छोटे-छोटे काम करने वालों जैसे मोची, रेडड़ी पटरी वाले, खोमचा लगाने वाले, गांव मुहल्लों में घुम घुम कर समान बेचने वालों को आम तौर पर ये सिक्के मिलते हैं, लेकिन न तो बड़े कारोबारी ही इसे लेना चाहते हैं और न ही बैंक इन सिक्कों को जमा करते हैं।

उन्होंने कहा कि बैंक अक्सर सिक्के दे देते हैं, लेकिन जब इन्हें जमा करने की बारी आती है तो वे इससे इनकार कर देते हैं। यहाँ तक कि भिखारी भी एक रुपया और दो रुपये का सिक्का लेने से इनकार कर देते हैं। इसके मद्देनजर सरकार को इन सिक्कों का प्रचलन बंद कर देना चाहिए। इसके लिए नोटबंदी-2 भी शुरू की जा सकती है। लेकिन, किसी भी अर्थव्यवस्था में बड़े नोटों के साथ ही छोटे-छोटे सिक्कों का भी अपना महत्व होता है।


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Updated : 24 July 2017 12:00 AM GMT
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