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GST : दूसरे दिन भी हुआ कच्चे बिलों पर कारोबार, सॉफ्टवेयर नहीं हुआ अपडेट

GST :  दूसरे दिन भी हुआ कच्चे बिलों पर कारोबार,  सॉफ्टवेयर नहीं हुआ अपडेट
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एक माह लग जाएगा जीएसटी के बिलों पर कारोबार होने में

ग्वालियर। जीएसटी पूरे देश में एक जुलाई से लागू तो हो गया है लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कहीं कोई पता नहीं है। व्यापारी जीएसटी की बिलिंग को लेकर अभी भी पशोपेश में हैं। व्यापारियों द्वारा कच्चे और पुराने बिलों पर ही काम किया जा रहा है जबकि ब्राण्डेड कम्पनियों द्वारा जीएसटी पर ही कारोबार किया जा रहा है। व्यापारियों की राय के अनुसार अभी जीएसटी पर काम होने में एक माह का समय लग जाएगा। वहीं जीएसटी पर कैसे काम हो इसके लिए व्यापारी अभिभाषकों (एडवोकेट) की मदद ले रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि जीएसटी को लागू हुए दो दिन हो गए हैं। मगर जीएसटी को लेकर अभी भी उहापोह की स्थिति बनी हुई है। कई व्यापारियों को जीएसटी के बारे में कुछ पता ही नहीं है कि इस पर हमें कैसे व्यापार करना है। व्यापारी अपनी समस्याओं को लेकर असमंजस में तो बने हुए हैं वहीं अभिभाषकों और सीए के पास जीएसटी पर कैसे काम हो इसको समझने के लिए जा रहे हैं। शहर में कई वस्तुओं का स्टॉक खत्म होने के कारण उनके दामों में तेजी भी आ गई है। दाल बाजार के व्यापारियों का कहना है कि बाजार में कुछ वस्तुओं का स्टॉक खत्म हो गया है जिससे इनके दामों में तेजी आ गई है। इसमें शक्कर का दाम एक से दो रुपए किलो तेज हो गया है। व्यापारियों के अनुसार एक सप्ताह के बाद सभी जींसो के दाम पहले की तरह हो जाएंगे।

व्यापारियों के प्रश्नों का जवाब देती सेल्स टैक्स एवं इनकमटैक्स एडवोकेट मोनिका गर्ग

  • मध्य प्रदेश के बाहर से माल खरीदने के लिए क्या कागज चाहिए?
    अभी फिलहाल किसी भी कागज की कोई जरूरत नहीं है। पार्टी सिर्फ अपने बिल और बिल्टी लेकर भेजे।
  • मध्यप्रदेश से बाहर माल भेजने के लिए क्या कागज चाहिए?
    मध्य प्रदेश से बाहर सामान भेजने के लिए नए फोरमेट में बिल, रजिस्ट्रेशन नम्बर डालना है। यदि आपका टर्नओवर 1.5 करोड़ के ऊपर है तो एचएसएन कोड भी लगेगा। इसी के साथ दूसरी पार्टी का भी जीएसटी नम्बर डालना होगा और माल नगदी सहित सभी जानकारी भरनी होगी।
  • कपड़े पर जीएसटी कैसे लगेगा?
    कपड़े पर सीजीएसटी 2.5 प्रतिशत और एसजीएसटी 2.5 प्रतिशत लगाकर टैक्स इनवॉइस बनानी है। शेष औपचारिकता पहले जैसी ही है।

    लौटा रहे हैं ग्राहकों को

जीएसटी को लेकर व्यापारी अभी भी असमंजस की स्थिति में है। व्यापारियों द्वारा अपना व्यापार तो किया जा रहा है लेकिन ग्राहकों को कच्चा बिल ही दिया जा रहा है। ग्राहकों से कहा जा रहा है कि आप बाद में आकर अपना जीएसटी का बिल ले जा सकते हैं। वहीं कुछ व्यापारियों द्वारा बिना बिल के ही माल बेचा जा रहा है। बिना बिल के माल बेचने की स्थिति लगभग शहर के सभी व्यापारियों की है।

आइए जानें जीएसटी का कैडर

जीरो प्रतिशत में आने वाली वस्तुएं:-

जीएसटी के अंतर्गत खुला खाद्य अनाज, ताजी सब्जियां, बिना मार्का आटा, बिना मार्का मैंदा, बिना मार्का बेसन, गुड़, दूध, अण्डे, दही, लस्सी, खुला पनीर, बिना मार्का प्राकृतिक शहद, प्रसाद, खजूर का गुड़, नमक, काजल, फूल भरी झाडू, बच्चों की ड्राइंग और रंग की किताबें, शिक्षा सेवाएं एवं स्वास्थ्य सेवाएं जीरो प्रतिशत में शामिल हैं।

पांच प्रतिशत के दायरे में आने वाली वस्तुएं:-

एसटी में पांच प्रतिशत के अंतर्गत चीनी, चायपत्ती, कॉफी के भुने दाने, खाद्य तेल, स्किम्ड दूध पाउडर, शिशुओं के लिए दूध का आहार, पैक्ड पनीर, काजू, किशमिश, पीडीएस केरोसीन, घरेलू एलपीजी, जूते-चप्पल, कपड़े अगरबत्ती शामिल हैं।

12 प्रतिशत के दायरे में आने वाली वस्तुएं:-

जीएसटी में 12 प्रतिशत के दायरे में आने वाली वस्तुओं में मक्खन, घी, बादाम, फ्रूट जूस, पैक्ड नारियल पानी, सब्जियों, फलों, नट्स एवं पौधों के अन्य भागों से निर्मित खाद्य पदार्थ जैसे कि अचार, मुरब्बा, चटनी जैम, जैली, छाता एवं मोबाइल शामिल हैं।

18 प्रतिशत के दायरे में आने वाली वस्तुएं:-

जीएसटी में 18 प्रतिशत के दायरे में आने वाली वस्तुओं में केश तेल, टूथपेस्ट, साबुन, पास्ता, कॉर्न फ्लैक्स, सूप, आइसक्रीम, टॉयलेट्रीज, कम्पप्यूटर एवं प्रिंटर शामिल हैं।

जीएसटी को लेकर चेम्बर में सेमीनार कल

चेम्बर पदाधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार जीएसटी में व्याप्त समस्याओं और विसंगतियों को लेकर चार जुलाई मंगलवार को एक सेमीनार का आयोजन किया जाएगा। इस सेमीनार में व्यापारियों की कई समस्याओं का समाधान किया जाएगा और जानकारी भी प्रदान की जाएगी।

Updated : 3 July 2017 12:00 AM GMT
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