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खनन माफिया को नहीं रोक पा रहा वन विभाग

खनन माफिया को नहीं रोक पा रहा वन विभाग
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पिछले छह माह में अवैध खनन के समाने आए 163 मामले

ग्वालियर। वन मंडल ग्वालियर में वन अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। यहां केवल खनन माफिया ही नहीं बल्कि लकड़ी और भू-माफिया भी हावी हैं तो वहीं शिकारी भी सक्रिय हैं, लेकिन वन विभाग इन अपराधियों पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है, जबकि वन विभाग द्वारा हर साल वन अपराधियों के खिलाफ जिला बदर और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई के लिए वन अपराधियों की सूची तैयार की जाती है, लेकिन आज तक कोई बड़ी कार्रवाई प्रकाश में नहीं आई है।

जानकारी के अनुसार ग्वालियर के वन क्षेत्रों में अवैध खनन की बात करें तो जनवरी से जून तक गुजरे छह माह में 163 मामले सामने आए हैं। यह ऐसे मामले हैं, जो मुखबिरों या फिर खनन माफिया की आपसी फूटन के चलते मिली सूचना के आधार पर पकड़े गए हैं, जबकि वन विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो खनन माफिया द्वारा ग्वालियर के संरक्षित और आरक्षित वन क्षेत्रों से आए दिन बड़ी मात्रा में फर्शी पत्थर का खनन कर उसे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के माध्यम से मुरैना जिले के बामौर और जौरा तक पहुंचाया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार खनन माफिया के अवैध फर्शी पत्थर से भरे ज्यादतर ट्रैक्टर-ट्रॉली तिघरा वन परिक्षेत्र की लखनपुरा वन चौकी के पास से होकर निकलते हैं। इन्हें रोकने के लिए वन विभाग ने लखनपुरा वन चौकी पर वन कर्मियों की मदद के लिए एसएएफ के कुछ जवान भी तैनात कर दिए हैं, लेकिन सूत्रों की मानें तो इसके बाद भी खनन माफिया के ट्रैक्टर-ट्रॉली आए दिन इसी वन चौकी के पास से होकर निकल रहे हैं। यहां से निकलने वाले अवैध फर्शी पत्थर से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के पकड़े नहीं जाने के पीछे राज क्या है। यह तो वन विभाग के अधिकारी ही बता सकते हैं, लेकिन सूत्रों की मानें तो यह सब मिली भगत से चल रहा है। इससे जंगलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है, लेकिन जंगलों को बचाने की चिंता किसी को नहीं है। हालांकि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और जिला बदर की कार्रवाई की मंशा से वन विभाग ने पिछले सालों की तरह इस बार भी सभी रेंजरों से ऐसे वन अपराधियों का रिकार्ड मांगा है, जिन पर एक से अधिक वन अपराध दर्ज हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ रेंजरों द्वारा यह रिकार्ड वन मंडल कार्यालय को उपलब्ध भी करा दिया गया है, लेकिन अभी तक किसी वन अपराधी के विरुद्ध अभी तक ऐसी कोई कार्रवाई सामने नहीं आई है।

Updated : 4 July 2017 12:00 AM GMT
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