Home > Archived > पति से अलग रह रही है पत्नी इसलिए नहीं दे सकते गुजारा भत्ता

पति से अलग रह रही है पत्नी इसलिए नहीं दे सकते गुजारा भत्ता

पति से अलग रह रही है पत्नी इसलिए नहीं दे सकते गुजारा भत्ता
X

कुटुम्ब न्यायालय ने पत्नी के गुजारा भत्ता देने की याचिका को किया खारिज

ग्वालियर। न्यायालय ने पत्नी के गुजारा भत्ता देने वाली याचिका को यह कह कर खारिज कर दिया है कि पत्नी अकारण अपने पति से अलग रह रही है। कई बार पति से सुलह करने और साथ रहने के लिए कहा लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि पत्नी साथ रहने के मामले में ऐसा कोई प्रयास करती दिखाई नहीं दे रही है कि वह वाकई में अपने वैवाहिक रिश्ते और बिखरते परिवार को एक रखना चाहती हो। इस कारण से पत्नी द्वारा पति से मांगे गए गुजारा भत्ता का आवेदन खारिज किया जाता है। अधिवक्ता अनिल लिमये और संघर्ष समूह के अधिवक्ता प्रद्युमन सिंह राजावत के अनुसार भारतन राव उर्फ रोहित शिन्दे निवासी जाघव कॉलोनी,बहोड़ापुर का विवाह 30 अप्रैल 2012 को शिवपुरी निवासी नेहा शिन्दे से हुआ था।

उनकी एक ढाई वर्ष की बेटी पूर्वी भी है। नेहा ने विवाह के दो माह बाद धारा 125, गुजारा भत्ता का एक आवेदन पुलिस में दिया कि उसका पति दहेज की मांग को लेकर उसे परेशान करता है और मारपीट करता है। यह मामला कुटुम्ब न्यायालय में सामने आया तो रोहित पक्ष ने इसका जवाब पेश करते हुए कहा कि नेहा ने गलत तथ्यों के आधार पर आवेदन पेश किया है। उसने कभी भी मारपीट नहीं की और न ही 50 हजार रुपए की मांग की है। विशेष आपत्ति में यह व्यक्त किया गया कि नेहा घर का कोई कार्य नहीं करती है। झगड़ा करती है। वह अपनी मर्जी से मायके में रह रही है। जांच में मालूम चला कि वह ग्वालियर में रहना पसंद नहीं करती है और पति को शिवपुरी में रहने की जिद करती है। न्यायालय में तथ्य प्रस्तुत किया गया कि नेहा शिवपुरी में सेल्सगर्ल्स का कार्य करती है और उसे 5-6 हजार रूपए प्रतिमाह प्राप्त होते हैं।

जबकि रोहित मेडिकल दुकान पर काम करता है और उसे 120 रुपए प्रतिदिन मिलते हैं। परामर्श के दौरान कई बार विधिक सलाहकारों ने नेहा को उसके पति के पास रहने के लिए कहा भी लेकिन वह नहीं मानी। सभी तथ्यों और अनुसंधान के बाद कुटुम्ब न्यायालय ने आदेश दिया कि आवेदिका अपने पति से अलग रहकर स्वयं नौकरी कर पति से ज्यादा कमा रही है। इस कारण वह धारा 125-4 के अंतर्गत भरणपोषण प्राप्त करने का अधिकार नहीं रखती है। गुजारा भत्ता याचिका खारिज की जाती है।

Updated : 4 July 2017 12:00 AM GMT
Next Story
Top